Publish Date - April 6, 2025 / 03:05 PM IST,
Updated On - April 6, 2025 / 03:05 PM IST
CG Naxal Operation | Image Source | TS BABA X Handle
HIGHLIGHTS
नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर बोले टीएस सिंहदेव
जब समझाइस से बात नहीं बने, तो उठाना पड़ता है हथियार- सिंहदेव
सरकार शांति का रास्ता अपनाकर नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश
अंबिकापुर: CG Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता टी.एस. सिंहदेव ने नक्सलवाद पर चल रही सरकारी कार्रवाई को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार शांति का रास्ता अपनाकर नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश करती है, लेकिन जब बात नहीं बनती, तो कठोर कदम उठाना जरूरी हो जाता है।
CG Naxal Operation: उसिंहदेव ने इस संदर्भ में प्रभु श्रीराम और रावण के युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा की प्राचीन काल से ऐसा होता आ रहा है कि जब समझाइश से बात नहीं बनती, तब हथियार उठाना पड़ता है। प्रभु श्रीराम ने भी रावण को पहले शांति का संदेश भेजा होगा, मुख्यधारा से जुड़ने का मार्ग दिखाया होगा लेकिन जब रावण ने उनकी बात नहीं मानी, तब युद्ध हुआ।
CG Naxal Operation: उन्होंने सरकार की मौजूदा नीति को इसी परंपरा का हिस्सा बताते हुए कहा कि सरकार भी पहले संवाद, समझौता और पुनर्वास का रास्ता अपनाती है, लेकिन जब हिंसा नहीं रुकती, तो कार्रवाई अनिवार्य हो जाती है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान तेज़ हुआ है और हाल ही में कई बड़ी मुठभेड़ व गिरफ्तारियां हुई हैं।
टी.एस. सिंहदेव ने नक्सलियों को लेकर क्या बयान दिया है?
उन्होंने कहा कि जब शांति और समझाइश से बात नहीं बनती, तो सरकार को कठोर कदम उठाने पड़ते हैं। उन्होंने इसे प्रभु श्रीराम और रावण के युद्ध से तुलना करते हुए सही ठहराया।
श्रीराम और रावण के उदाहरण का क्या मतलब था?
सिंहदेव ने समझाया कि श्रीराम ने पहले रावण को शांति का संदेश भेजा होगा, पर जब उसने बात नहीं मानी, तब युद्ध हुआ। यही नीति सरकार आज नक्सलियों के खिलाफ अपना रही है।
यह बयान किस संदर्भ में दिया गया?
यह बयान छत्तीसगढ़ में तेज़ हुए नक्सल विरोधी अभियान के संदर्भ में आया है, जहाँ हाल के दिनों में कई मुठभेड़, गिरफ्तारी और कार्रवाई की गई हैं।
क्या सिंहदेव ने बातचीत का रास्ता भी जरूरी बताया?
हाँ, उन्होंने कहा कि सरकार पहले मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश करती है। शांति और पुनर्वास का प्रयास होता है, लेकिन विफल होने पर सख्त कदम अनिवार्य हो जाते हैं।
क्या यह बयान सरकार की नीति का समर्थन करता है?
जी हाँ, टी.एस. सिंहदेव ने इस बयान के ज़रिए साफ तौर पर संकेत दिया कि वे सरकार की वर्तमान नक्सल नीति का समर्थन करते हैं, जिसमें शांति के प्रयासों के साथ-साथ आवश्यक कार्रवाई भी शामिल है।