Fake Certificate Case Ambikapur: क्या आपके बच्चे का ‘जन्म प्रमाणपत्र’ भी है फर्जी?.. IBC24 का सनसनीखेज खुलासा, सर्टिफिकेट से लेकर वेबसाइट में बड़ा फ्रॉड..

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बेहद अहम दस्तावेज हैं। ऐसे में फर्जी वेबसाइट के जरिये इनका बनना संभवतः प्रदेश का पहला मामला हो सकता है। संभव है कि यह खेल सिर्फ सरगुजा ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर में चल रहा हो।

  • Reported By: Abhishek Soni

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  • Publish Date - March 1, 2025 / 07:52 PM IST,
    Updated On - March 1, 2025 / 07:52 PM IST
HIGHLIGHTS
  • अम्बिकापुर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला, असली जैसी फर्जी वेबसाइट से हो रही ठगी
  • क्यूआर कोड स्कैनिंग से हुआ खुलासा, मामूली URL अंतर से आम लोग हो रहे गुमराह
  • महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा पर सवाल, प्रशासन ने जांच और FIR की दी चेतावनी

Fake Certificate Case Ambikapur: अम्बिकापुर: जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी वेबसाइट के माध्यम से असली जैसे दिखने वाले प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। आईबीसी 24 द्वारा किए गए इस खुलासे ने अधिकारियों को भी हैरान कर दिया है। दरअसल IBC24 के हाथ लगा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पहली नजर में बिल्कुल असली जैसा प्रतीत होता है, यहां तक कि विशेषज्ञ भी इसे पहचानने में मात खा जायेंगे। इसमें क्यूआर कोड भी शामिल है, जिसे स्कैन करने पर एक वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध होती है। हालांकि, यह वेबसाइट भी फर्जी है।

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कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?

दरअसल कामेश्वर राजवाड़े नामक व्यक्ति ने अपने आधार कार्ड की जन्मतिथि सुधारने के लिए एक ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। जब च्वाइस सेंटर संचालक ने क्यूआर कोड स्कैन किया, तो जो वेबसाइट खुली, वह असली नहीं थी, बल्कि हूबहू असली जैसी थी, बस उसके यूआरएल में मामूली अंतर था। सरकारी असली वेबसाइट dc.crsorsgi.gov.in/crs है, जबकि फर्जी वेबसाइट dc.crsorgi.gov.in.crs है। यह अंतर स्लैश (/) और डॉट (.) का है, जो आम आदमी और सामान्य कर्मचारी की पकड़ से बाहर है। इस फर्जी प्रमाण पत्र में जन्म तिथि पंजीयन की तारीख 1965 दी गई है, जबकि उस समय ऑनलाइन जैसी व्यवस्था ही नहीं थी। यह इंगित करता है कि यह कोई अकेला फर्जी सर्टिफिकेट नहीं है।

प्रशासन ने स्वीकारा फर्जीवाड़ा

Fake Certificate Case Ambikapur: इस खुलासे के बाद जिला ई-गवर्नेंस अधिकारी ने स्वीकार किया है कि जिले में कई फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं, लेकिन यह पहली प्रमाणित शिकायत पाई गई है। अब ईडीएम जिले भर में संचालित हो रहे ऑनलाइन सेंटरों की जांच कराने और कलेक्टर के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की बात कह रहे हैं।

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छत्तीसगढ़ में पहला मामला?

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बेहद अहम दस्तावेज हैं। ऐसे में फर्जी वेबसाइट के जरिये इनका बनना संभवतः प्रदेश का पहला मामला हो सकता है। संभव है कि यह खेल सिर्फ सरगुजा ही नहीं, बल्कि प्रदेश भर में चल रहा हो। ऐसे में शासन स्तर से जांच की आवश्यकता है, ताकि इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो सके।

1. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र कैसे पहचाना जा सकता है?

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को पहचानने के लिए इसकी वेबसाइट यूआरएल की जांच करें, सरकारी साइट हमेशा gov.in डोमेन में होती है। इसके अलावा, पुराने दस्तावेज़ों की ऑनलाइन उपलब्धता की जांच करें।

2. फर्जी वेबसाइट और असली वेबसाइट में क्या अंतर है?

असली वेबसाइट: dc.crsorsgi.gov.in/crs फर्जी वेबसाइट: dc.crsorgi.gov.in.crs इसमें डॉट (.) और स्लैश (/) का मामूली अंतर होता है, जो धोखाधड़ी का संकेत है।

3. अगर किसी ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया है तो उसे क्या करना चाहिए?

अगर आपके पास संदेहास्पद प्रमाण पत्र है, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन या नगर निगम में इसकी जांच करवाएं और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।

4. क्या फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है?

हां, फर्जी दस्तावेज़ तैयार करना और उनका इस्तेमाल करना कानूनी अपराध है। इसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ जैसी धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई हो सकती है।

5. सरकार इस समस्या को रोकने के लिए क्या कदम उठा सकती है?

सरकार को वेबसाइट सिक्योरिटी स्ट्रेंथनिंग, डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम, और फर्जी सर्टिफिकेट की तुरंत रिपोर्टिंग के लिए हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं लागू करनी चाहिए।