शह मात The Big Debate: जल-जंगल की लड़ाई, इधर रेवेन्यू की दुहाई! क्या जनता को विश्वास में लिए बगैर विकास योजना बन रही है?

Raigarh Coal Mine Protest: जल-जंगल की लड़ाई, इधर रेवेन्यू की दुहाई! क्या जनता को विश्वास में लिए बगैर विकास योजना बन रही है?

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 11:48 PM IST,
    Updated On - December 31, 2025 / 12:04 AM IST
HIGHLIGHTS
  • तमनार कोल ब्लॉक आवंटन पर ग्रामीणों का विरोध और कांग्रेस का हमला
  • अंबिकापुर और खैरागढ़ में उद्योगों को लेकर ग्रामीणों और प्रशासन में झड़प
  • भाजपा ने कहा रेवेन्यू जरूरी है, कांग्रेस ने उद्योगपतियों की कठपुतली बताया

रायपुर: Raigarh Coal Mine Protest विकास जरूरी है या हरियाली, जंगल जरूरी हैं या रोजगार। जाहिर है ये सब बेहद जरूरी हैं। पर संतुलन के साथ, प्रदेश में इन दिनों जहां-जहां भी उद्योगों के लिए पेड़ों की कटाई और अधिग्रहण की कार्रवाई जारी है। वहां-वहां ग्रामीणों का विरोध और प्रशासन के साथ सीधे संघर्ष की स्थिति दिखाई दे रही है। सत्ता पक्ष कहता है कि विकास और रेवेन्यू के लिए जरूरी है तो विपक्ष का आरोप है कि देश-प्रदेश में उद्योगपतियों की कठपुतली सरकार काम कर रही है।

Raigarh Coal Mine Protest रायगढ़ के तमनार में प्रस्तावित कोल ब्लॉक आवंटन का मामला अब पूरी तरह सियासी रंग ले चुका है। कोल ब्लॉक के विरोध में ग्रामीणों के धरना-प्रदर्शन, हिंसा और आगजनी के बाद कांग्रेस लगातार राज्य सरकार पर हमलावर है। तमनार में पीड़ितों से बात कर लौटे पीसीसी चीफ दीपक बैज ने आरोप लगाया कि तमनार की घटना भाजपा सरकार की किसान और आदिवासी की विरोधी नीति का परिणाम है।

वैसे विवाद सिर्फ रायगढ़ के तमनार को लेकर नहीं है। पिछले दिनों ऐसी ही तस्वीर अंबिकापुर के अमेरा कोल्ड एक्सटेंशन खदान को लेकर भी झड़प देखने को मिली, इसके बाद खैरागढ़ जिले में सीमेंट फैक्ट्री के लिए अधिग्रहीत जमीन पर पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हुए थे। एक के बाद इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद जब रायपुर में पत्रकारों ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह से इस मुद्दे पर सवाल पूछा तो उनका जवाब आया सरकार को रेवेन्यू नहीं आएगा तो विकास कैसे होगा।

इधर अरुण सिंह का रेवेन्यू वाला बयान आया। उधऱ कांग्रेस ने भी मौके पर चौका मारते हुए बीेजेपी को उद्योगपतियों के मुताबिक चलने वाला पार्टी बता दिया। सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर छत्तीसगढ़ में जल-जंगल-जमीन को लेकर विवाद किसी से छिपी नहीं है। तमनार इसका ताजा उदाहरण है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि विकास के साथ पर्यावरण की रक्षा सरकारें इस चुनौती से पार कैसे पा सकते हैं।

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तमनार कोल ब्लॉक विवाद क्यों हुआ?

ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय नुकसान के खिलाफ विरोध किया।

कांग्रेस का आरोप क्या है?

कांग्रेस ने भाजपा सरकार को किसान और आदिवासी विरोधी बताया और उद्योगपतियों के मुताबिक चलने का आरोप लगाया।

भाजपा का पक्ष क्या है?

भाजपा नेताओं ने कहा कि रेवेन्यू के बिना विकास संभव नहीं है।