पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने उन्हें किया याद, कहा- आधार स्तंभ थी भारत की मजबूती का

Assembly Speaker Dr Mahant remembers former PM Indira Gandhi

  •  
  • Publish Date - November 18, 2021 / 08:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी जी की जयंती पर स्मरण करते हुए उनके देशहित कार्यो को याद किया। डॉ महंत ने कहा कि आयरन लेडी के रूप में विश्व विख्यात श्रीमती इंदिरा गांधी का जन्म देश के एक आर्थिक एवं बैद्धिक रूप से समृद्ध परिवार में 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ था। 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी भारत की तीसरी और प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं। इसके बाद तो वह लगातार तीन बार 1967−1977 और फिर चौथी बार 1980−84 देश की प्रधानमंत्री बनीं।

Read more : विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने प्रदेशवासियों को दी गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा की बधाई व शुभकामनाएं 

इंदिरा गांधी ने 1971 के भारत पाक युद्ध में विश्व शक्तियों के सामने न झुकने के नीतिगत और समयानुकूल निर्णय क्षमता से पाकिस्तान को परास्त किया और बांग्लादेश को मुक्ति दिलाकर स्वतंत्र भारत को एक नया गौरवपूर्ण क्षण दिलवाया। दृढ़ निश्चयी और किसी भी परिस्थिति से जूझने और जीतने की क्षमता रखने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल इतिहास बल्कि पाकिस्तान को विभाजित कर दक्षिण एशिया के भूगोल को ही बदल डाला और 1962 के भारत चीन युद्ध की अपमानजनक पराजय की कड़वाहट धूमिल कर भारतीयों में जोश का संचार किया।

Read more :  IND vs NZ : दूसरे मैच में कट सकता है इस भारतीय खिलाड़ी का पत्ता, इनकी हो सकती है एंट्री 

इंदिरा जी ने अपनी हत्या के एक दिन पहले ही उड़ीसा में अपना आखरी भाषण देते हुए कहा था− ‘मैं आज जीवित हूं, शायद कल संसार में नहीं रहूंगी, फिर भी मैं अपनी आखरी सांस तक देश की सेवा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी मेरे खून की एक−एक बूंद भारत को शक्ति देगी और अखण्ड भारत को जीवित रखेगी, आत्मा अजर अमर अविनाशी है। इन्दिरा जी देह के रूप में हमारे बीच नहीं है लेकिन वह एक साहसी आयरन लेडी के सूक्ष्म रूप में देश सहित सारे विश्व का सदैव मार्गदर्शन करती रहेंगी। जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा धरती पर नाम रहेगा। देश की जनता को अपने महान नेताओं के बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। चाहे हम किसी भी राजनीतिक दल के समर्थक क्यों न हो ? देश सदैव अपने दिवंगत राजनेताओं के बलिदान तथा त्याग का ऋणी रहेगा।