Teacher cross the river
बलरामपुर: शिक्षक वह दीया होता है जो खुद जलकर दूसरों तक ज्ञान की रौशनी पहुंचाता हैं। (Teacher cross the river) आज हम बात कर रहे एक ऐसे ही शिक्षिका कि जो ज्ञान की इस रौशनी को अपने छात्र-छात्राओं तक पहुँचाने के लिए न जानें कितनी ही परेशानिया उठती हैं, संघर्ष सहती हैं।
#WATCH छत्तीसगढ़: बलरामपुर में एक महिला शिक्षक प्रतिदिन नदी पार करके बच्चों को पढ़ाने धौरपुर के प्राथमिक स्कूल जाती हैं।
कर्मिला टोप्पो ने बताया, "यहां मेरे रास्ते में 2 नदी पड़ती हैं जिन्हें पार करके मैं आती हूं। इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। बच्चों के भविष्य के लिए मैं… pic.twitter.com/357Ain1wN1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2023
दरअसल हम बात कर रहे हैं शिक्षिका कार्मिला टोप्पो की जो छत्तीसगढ़ के धौरपुर में स्कूल पहुंचने और छात्रों को पढ़ाने के लिए रोजाना नदी पार करती हैं। कार्मिला टोप्पो बलरामपुर से धौरपुर तक पैदल ही नदी पार करती है ताकि वह समय पर स्कूल पहुंच सके। पुलों या परिवहन के अन्य साधनों के अभाव और तमाम चुनौतियों के बावजूद कर्मिला टोप्पो का शिक्षा के प्रति समर्पण अटूट है। कर्मिला टोप्पो ने कहा, “यहां, रास्ते में दो नदियां हैं, जिन्हें मैं हर दिन पार करती हूं। कोई दूसरा रास्ता नहीं है। बच्चों के भविष्य के लिए मैं हर दिन आती हूं।”
निश्चित तौर पर ये शिक्षिका अपना काम बहुत निष्ठा से कर रही हैं। मैं बाकी शिक्षकों से भी ऐसे काम की अपेक्षा रखूंगा। अन्य शिक्षक भी अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहें और समय से स्कूल पहुंचे: रिमिजियुस एक्का, कलेक्टर बलरामपुर pic.twitter.com/t2oh6M2afi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2023
वही शिक्षिका के इस समर्पण से पर जिले के कलेक्टर रेमिगियस एक्का ने भी ख़ुशी जाहिर कि हैं. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा ”टीचर अपना काम बहुत ईमानदारी से कर रही हैं.” (Teacher cross the river) मैं अन्य शिक्षकों से भी इसी तरह के कर्तव्यनिष्ठा की उम्मीद करूंगा।” उन्होंने कहा, ” वे अपील करते हैं कि अन्य शिक्षकों को भी अपने कर्तव्य के प्रति वफादार रहना चाहिए और समय पर स्कूल पहुंचना चाहिए।”