जगदलपुरः बस्तर के विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व की शुरुआत गुरुवार को विधि विधान के साथ हुई। हरेली अमावस्या के दिन बस्तर दशहरा की पहली रस्म पाटजात्रा पूजा विधान पूरा किया गया।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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बस्तर दशहरा मां दंतेश्वरी के प्रति आस्था और बस्तरिया जन समुदाय का प्रमुख पर्व है 75 दिनों तक चलने वाले दशहरा पर्व की शुरुआत पाट जात्रा रस्म के साथ हो चुकी है, पाट जात्रा रस्म में साल की लकड़ी की पूजा की जाती है जिसे टूरलूखोटला के नाम से जाना जाता है। बस्तर के आदिवासी अंचल में इस लकड़ी को अत्यंत पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि बस्तर दशहरा में उपयोग में आने वाला विशालकाय रथ का चक्का और हथौड़े बनाएं जायेंगे। कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया बस्तर दशहरा से संबंधित सभी तैयारियां की जा रही हैं। इसे लेकर आगामी दिनों में दशहरा समिति की बैठक भी होगी।
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गौरतलब है की बिलोरी गांव के ग्रामीण लकड़ी लेकर जगदलपुर पहुंचते है। रथ निर्माण करने वाले कारीगर, पुजारी और दशहरा पर्व से जुड़े मांझी चालकी के साथ बस्तर क्लेक्टर महापौर स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बस्तर दशहरा की पहली और महत्वपूर्ण रस्म की अदायगी की गयी।