Chattisgarh Naxal News : बस्तर में नक्सल ऑपरेशन में पुलिस की सतर्कता बढ़ी, विशेष उपकरणों के साथ सर्च ऑपरेशन, सामने आई तस्वीरें

बस्तर में नक्सल ऑपरेशन में पुलिस की सतर्कता बढ़ी..Chattisgarh Naxal News: Police vigilance increased in Naxal operation in Bastar

  • Reported By: Naresh Mishra

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  • Publish Date - February 11, 2025 / 10:56 AM IST,
    Updated On - February 11, 2025 / 10:56 AM IST

Chattisgarh Naxal News: Image Source - IBC24

HIGHLIGHTS
  • नक्सल प्रभावित इलाकों में बढ़ी सतर्कता,
  • जवानों की सुरक्षा पर विशेष फोकस,
  • आईईडी से बचाव के लिए विशेष रणनीति,

बस्तर : Chattisgarh Naxal News : नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार पुलिस को सफलता मिलने के बाद अब जवानों की सुरक्षित वापसी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जनवरी महीने में बीजापुर में हुए आईईडी ब्लास्ट में 8 जवानों की शहादत के बाद पुलिस ने सतर्कता और बढ़ा दी है।

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Chattisgarh Naxal News : नक्सलियों द्वारा सड़कों और जंगलों में लगाए गए आईईडी को रिकवर करने और निष्क्रिय करने के लिए पुलिस ने कई सुरक्षा के लिए डी-माइनिंग टीमों की तैनाती, सड़कों पर ट्रैक्टर चलाकर आईईडी के तारों की तलाश, कच्ची और संदिग्ध जगहों पर विशेष जांच अभियान के तहत उपाय किये जा रहे है।

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Chattisgarh Naxal News : सुरक्षा बलों ने नई रणनीति के तहत सड़कों के शोल्डर पर ट्रैक्टर चलाकर उन इलाकों की जांच शुरू की है, जहां नक्सली आईईडी लगाने की कोशिश करते हैं। ये ट्रैक्टर कच्ची जमीन में दबे हुए तारों और विस्फोटकों का पता लगाने में मदद कर रहे हैं। बस्तर में चलाए जा रहे इस विशेष अभियान का उद्देश्य जवानों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और नक्सल गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करना है।

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आईईडी क्या होता है और यह कितना खतरनाक होता है?

आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) एक स्थानीय रूप से तैयार किया गया विस्फोटक होता है, जिसे नक्सली अक्सर जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए सड़कों और जंगलों में लगाते हैं।

सड़क किनारे ट्रैक्टर चलाने से आईईडी कैसे खोजा जाता है?

ट्रैक्टर के भारी दबाव से आईईडी के तार और विस्फोटक एक्टिव हो जाते हैं, जिससे उन्हें समय रहते पहचानकर निष्क्रिय किया जा सकता है।

डी-माइनिंग टीम क्या करती है?

डी-माइनिंग टीम स्पेशल एक्सपर्ट्स की टीम होती है, जो आईईडी और अन्य विस्फोटकों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित तरीके से डिफ्यूज करती है।

नक्सल प्रभावित इलाकों में जवानों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

पुलिस सर्च ऑपरेशन बढ़ा रही है, हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल कर रही है, और गश्त तेज कर दी गई है ताकि जवानों पर अचानक हमले न हो सकें।

क्या इस नई रणनीति से नक्सली गतिविधियों पर रोक लगेगी?

पुलिस का मानना है कि सख्त सुरक्षा उपायों और नई तकनीकों के इस्तेमाल से नक्सल गतिविधियों पर कड़ा प्रहार किया जाएगा और जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।