Joint Director wrote a letter to all DEOs: बस्तर। जिले में शिक्षा विभाग के द्वारा वर्ष 2015 से 2018 के बीच की गई दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की भर्ती मामला लगातार तुल पकड़ा जा रहा है। इस मामले के बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने 274 दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से निकाल दिया था। अब बस्तर जिले से निकल कर यह मामला संभाग के अन्य जिलों तक पहुंच चुका है। शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक आरपी आदित्य ने संभाग के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख पूर्व में हुई दैनिक वेतन भोगियों की भर्ती को परीक्षण कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
बस्तर जिले में वर्ष 2015 से 2018 के बीच तत्कालीन डीईओ राजेंद्र झा ने तकरीबन 600 से अधिक आकस्मिकता निधि कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी थी। बाद में इस मामले में उच्च न्यायालय में एक पीआईएल दायर की गई, जिसके बाद शासन के द्वारा नियुक्तियों की जांच की गई जांच में खुलासा हुआ कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अवैध रूप से नियुक्ति हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी के पास इन भर्तियों को लेकर शासन की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला था और न ही भर्ती को लेकर नियमों का पालन किया गया। जिले के अलग-अलग स्कूलों में खाली पड़े पदों पर जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा भर्ती को अंजाम दिया गया था।
Joint Director wrote a letter to all DEOs: हाल ही में इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी कर इन भर्तियों को लेकर कार्यवाही करने के निर्देश बस्तर के संयुक्त संचालक को दिए थे। संयुक्त संचालक ने इस मामले में बस्तर संभाग के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को 24 मार्च तक का समय दिया है। बस्तर जिले में ही 600 से अधिक भर्तियां दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की हुई थी। यानी कि और भी कर्मचारियों को शिक्षा विभाग घर का रास्ता दिखा सकता है इस मामले में वेतन के रूप में दी गई राशि को भी रिकवरी करने की बात कही जा रही है हालांकि अधिकारी रिकवरी और भर्ती में भ्रष्टाचार को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
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