चिटफंड का फंदा.. सियासी फरेब का धंधा! फिर गरमाया चिटफंड का मुद्दा, बीजेपी के आरोपों पर सीएम भूपेश ने किया पलटवार

चिटफंड का फंदा.. सियासी फरेब का धंधा! फिर गरमाया चिटफंड का मुद्दा : Bhupesh Govt is returning the money of chit fund investors

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  • Publish Date - July 5, 2022 / 11:40 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

(रिपोर्टः राजेश मिश्रा) रायपुरः इन दिन प्रदेश के सियासी गलियारे में एक बार फिर चिटफंड कंपनीज के मुद्दे पर वार-पलटवार का दौर एक्टिव है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने वायदे के मुताबिक प्रदेश की जनता के चिटफंड कंपनीज में डूबी रकम को वापस लौटाने के अभियान में जुटी है तो दूसरी तरफ भाजपा ने सरकार की इस मुहिम पर एक नहीं कई सवाल उठा दिए हैं। जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीधे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनका परिवार पर निशाना साधते हुए उन्हें चिटफंड कंपनियों का ब्रांड एंबेसडर बता दिया है। सत्ता पक्ष पूछ रहा है कि अगर हम पीड़ितों को पैसा लौटा रहे हैं तो भाजपा को तकलीफ क्यों हो रही है?>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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छत्तीसगढ़ सरकार चिटफंड कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई का डंडा चला रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने वादे के मुताबिक चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की कर पीड़ितों के पैसे उन्हें लौटा रहे है। अब तक 25 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि पीड़ितों को लौटाया जा चुका है। लेकिन बीजेपी ने पूरे अभियान पर सवाल उठाते हुए सत्तापक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने पूछा कि चिटफंड कम्पनियों की संपत्ति किसे और किस दाम पर बेची जा रही है इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही दावा किया कि साढे तीन लाख लोगों से आवेदन मंगाकर दस हजार लोगों को भी पैसा वापस नहीं किया गया है।

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चिटफंड कंपनियों के बहाने विपक्ष ने आरोपों और सवालों की झड़ी लगाई तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा संभालते हए बीजेपी और पूर्व सीएम रमन सिंह को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. सीएम ने रमन सरकार और उनका परिवार चिटफंड कंपनियों का ब्रांड एंबेसडर करार देते हुए पूरे मामले की ED से जांच कराने की मांग की। सीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि रमन राज में रोजगार मेले लगाकर लोगों से पैसे जमा करवाएं गए। जबकि हमारी सरकार लोगों के पैसे वापस दिलाने की कोशिश कर रही है।

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प्रदेश में चिटफंड के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत नयी नहीं है> चिटफंड कंपनियों के धोखे के शिकार हजारों लोगों को अपने पक्ष में खड़ा करने बीजेपी और कांग्रेस वक्त-वक्त पर दांव चलते रहे हैं। ऐसे में चिटफंड कंपनियों के फंदे से प्रदेश की जनता पूरी तरह से बाहर निकल पाती है या ये केवल सियासी मुद्दा बनकर रह जाता है देखना होगा।