Reported By: Sandeep Shukla
, Modified Date: August 9, 2024 / 09:59 PM IST, Published Date : August 9, 2024/9:58 pm ISTरायुपर: Big fraud by Grand Vision owner Gurcharan Singh Hora, रायपुर में कौशल्या विहार के सेक्टर 15 A में सैकड़ों करोड़ रुपए कीमत की जमीन पर अवैध कब्जा करने का असफल प्रयास और प्रदेश भर में ग्रैंड विजन के माध्यम से शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगाने वाले होटल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा का एक और षड़यंत्रकारी मामला सामने आया है। आरोप है कि होरा ने साजिश कर अपने रिश्तेदारों के नाम पर सुंदर नगर के ठीक पीछे नेशनल हाइवे से लगी एक मृत किसान की लगभग 100 करोड़ रुपए कीमत की जमीन पर कब्जा करने का खेल रचा,लेकिन इसकी पोल खुल गई। मृत किसान के मरने के उन्नीस साल बाद उसे जीवित बताकर फ़र्ज़ी रजिस्ट्री करवा ली। बड़ी बात यह है की कांग्रेस शासन काल में रचे इस खेल को भी दबा दिया गया और FIR भी नहीं हुई, और बड़े हिस्से में होरा के लोगों का कब्जा अब भी है..देखें रिपोर्ट
रिंग रोड नंबर 1 से लगी बेशकीमती जमीन चंगोराभाठा के सोनकर परिवार और कुछ आम लोगों की है। लेकिन इस जमीन पर गुरुचरण होरा की नजर है। जमीन पर जो अधेड़ खड़े हैं उनका नाम है सतेंद्र सोनकर, संतेद्र बताते हैं, इस 4 एकड़ जमीन को 70 साल पहले उनकी परदादी चमारीन बाई ने खरीदी थी। चमारीन बाई की साल 1980 में मौत हो गई। सालों तक परिवार ने जमीन का कोई उपयोग नहीं किया। साल 1999 में परिवार को पता चला कि 19 साल पहले मरी परदादी को ज़िंदा बताकर अलग-अलग टूकड़ों में होरा व टूटेजा के रिश्तेदार व पटवारी के भाई अजय ठाकुर के नाम पर रजिस्ट्री कर दी गई। चमारीन बाई की जगह 4 सौ बीसी करते हुए रजिस्ट्री किसी निर्मला सोनकर को मुख़्तयार नामा में कराई गई जो उनके परिवार का हिस्सा ही नहीं थी बल्कि काल्पनिक महिला है।
खरीदने वालों में गुरुचरण होरा के अलावा शराब घोटले में जेल में बंद IAS अनिल टूटेजा के साले, रिश्तेदार और एक पटवारी का भाई का नाम शामिल है। जमीन की जो रजिस्ट्री हुई उसमें होरा के भांजे, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा के रिश्तेदार के नाम पर की गई है।
– इनमे गुरुचरण होरा के भांजे देवेंद्र नगर निवासी रंजीत सिंह
– देवेंद्र नगर निवासी मंजीत सिंग,
– खरोरा बस स्टैंड निवासी इंदरपाल सिंग
– खरोरा बस स्टैंड निवासी हरपाल सिंग
– दो हजार करोड़ रुपए घोटाले के आरोपी IAS अनिल टूटेजा का शैलेंद्र नगर निवासी साला मनीष बुधिया
– IAS अनिल टूटेजा के रिश्तेदार अविनाश कुमार के नाम पर जमीन का बड़ा हिस्सा
– एक पटवारी के भाई विजय ठाकुर
– महिला विद्यावति के नाम से रजिस्ट्री की गई।
इस खुलासे के बाद सोनकर परिवार ने कोर्ट में केस किया। इस बीच समय बीतने के साथ साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और ग्रैंड वीजन का मालिक भूमाफिया गुरुचरण होरा और ताकतवर बनता गया, और किसान परिवार को धमकाता रहा। परिवार ने कई बार डीडी नगर थाना, रायपुर एसपी आफिस, मुख्यमंत्री से होरा की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा पुलिस वाले सोनकर परिवार को ही धमकाते थे कि जमीन खाली नहीं की तो उसे अंदर कर देंगे। इस दौरान केस चलता रहा और कोर्ट ने रजिस्ट्री को फर्जी मानते हुए शून्य घोषित कर दिया। इस मामले में शामिल लोगों पर एफआईआर होनी थी पर नहीं की गई।
कोर्ट ने होरा और टूटेजा के रिश्तेदारों के नाम पर की गई रजिस्ट्री को शून्य कर दिया लेकिन होरा को फैसला मंजूर नही था। कोरोना काल खत्म होते ही होरा ने साल 2023 में इस जमीन पर बाउंड्री वाल खड़ी कर दी, अपना बोर्ड लगा दिया। जब सोनकर परिवार ने इसका विरोध शुरु किया तो होरा ने गुंडे भेजने शुरु कर दिए। जो उसका नाम लेकर संतेद्र सोनकर को डराते थे।
आगे सतेंद्र बताते हैं, कई बार होरा ने उन्हे पंडरी बस स्टैड स्थित होटल के आफिस बुलाया। होरा ने देखा सोनकर परिवार घबरा नहीं रहा है तो उसने उनकी ही जमीन खाली करने के लिए एक करोड़ रुपए मांगे, लेकिन परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। कोर्ट के आदेश के बाद सोनकर परिवार ने आसपास के कुछ लोगों को जमीन बेच दी। इसके बावजूद होरा उन्हे धमकता रहा। आखिरकार तंग आकर सोनकर परिवार समेत सभी लोगों ने मिलकर होरा की बाउंड्री वाल गिरा दी। गुरुचरण होरा ने डीडी नगर थाने में धौंस दिखा कर जमीन मालिकों को रोकने का भी प्रयास किया। जो थाने के रिकार्ड में दर्ज है। लेकिन अंत में दीवार गिरा दी गई जिसके बाद होरा समझ गया की उसकी दाल यहां नहीं गलने वाली है।
सोनकर परिवार ने तो अपनी संपत्ति छुड़ा ली, लेकिन उसने जमीन खरीदने वाला एक अन्य परिवार होरा से लड़ नहीं पाया। मौके पर पहुंची आईबीसी 24 की टीम को संतेद्र ने बताया की अभी भी उनकी बेची गई जमीन पर होरा और उसके लोगों का कब्जा है, बाउंड्री वाल है यहां तक की उस पर उन्होने अपने नाम का बोर्ड लगा दिया है। डर के कारण परिवार कुछ कह नहीं रहा है।
आपको बता दें कि IBC24 की टीम जब जमीन देख रही थी तो पाया की यहां होरा ने एक आदमी बिठा रखा है जो आने जाने वालों पर नजर रखता है। उसने गोपनीय तरीके से आईबीसी 24 की टीम का वीडियो बनाया और अपने आका को काल भी कर दिया, जिसे टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया।
आईबीसी 24 ने फर्जीवाड़े के दस्तावेजों की जांच की तो पाया, जिस निर्मला सोनकर उम्र 29 साल के नाम रजिस्ट्री में है उसके पिता का नाम वासूदेव सोनकर वल्द ध्रुव सोनकर का नाम लिखा है, जो कुलाशपुर निवासी है। टीम ने वासुदेव सोनकर का भी घर ढूंढ निकाला। वासुदेव सोनकर की तबीयत खराब थी, उनके बेटे ने कृष्णा सोनकर ने बताया की उनके खानदान में निर्मला सोनकर नाम की कोई महिला नहीं है, बल्कि जब रजिस्ट्री की गई तो वासूदेव सोनकर खुद 30 साल के थे, उनकी फर्जी बेटी खड़ी कर उसे 29 साल का बताते हुए रजिस्ट्री कर दी गई। यही तथ्य कोर्ट में दमदारी से खड़ा हुआ और रजिस्ट्री फर्जी घोषित हुई।
सरकार बदलने के साथ ही पुलिस के अधिकारी भी बदल गए हैं। आईबीसी 24 की टीम ने जब एएसपी पश्चिम को लंबित शिकायतों की जानकारी दी उन्होने इस पर जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
अब प्रदेश में विष्णुदेव साय की सरकार है जो गुरुचरण सिंह होरा समेत अन्य भूमाफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। कांग्रेस शासन में होरा की दंबगई की कलई अब खुलने लगी है। कौशल्या विहार में जिस तरह होरा के अवैध कब्जा गिराने की कार्रवाई की गई, अब संकेत मिल रहे हैं कि होरा के खिलाफ लंबित मामले में कार्रवाई होगी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।
संदीप शुक्ला,आईबीसी 24 रायपुर
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