Bilaspur High Court News: बिलासपुर हाईकोर्ट में पहली बार 7 याचिकाओं पर हिंदी में सुनवाई और आदेश भी.. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से जुड़ा था मामला..

हाईकोर्ट का यह निर्णय न केवल प्रभावित कर्मचारियों के लिए राहतकारी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायालय अब हिंदी भाषा को भी न्यायिक प्रक्रिया में अधिक महत्व दे रहा है।

Bilaspur High Court News: बिलासपुर हाईकोर्ट में पहली बार 7 याचिकाओं पर हिंदी में सुनवाई और आदेश भी.. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से जुड़ा था मामला..

Bilaspur High Court Latest News in Hindi || Image- Live Law

Modified Date: February 14, 2025 / 11:24 pm IST
Published Date: February 14, 2025 11:24 pm IST
HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पहली बार सात याचिकाओं पर हिंदी में सुनवाई और आदेश दिया
  • दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की बहाली और बकाया वेतन भुगतान का हाईकोर्ट ने दिया आदेश
  • न्यायपालिका में हिंदी का बढ़ता महत्व, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Bilaspur High Court Latest News in Hindi: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार एक साथ सात याचिकाओं पर हिंदी में सुनवाई कर हिंदी में ही आदेश पारित किया। इससे पहले विभिन्न प्रकरणों में हिंदी भाषा में आदेश जारी किए गए थे, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में एक साथ हिंदी में निर्णय देने का यह पहला मामला है।

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दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का मामला

जांजगीर-चांपा और सक्ती जिले के दूरस्थ ग्रामों में निवास करने वाले सावित्री साहू, भगवती देवांगन, सुनील कुमार बंजारा, धनेश्वरी, गायत्री मनहर, शशिकला यादव, कार्तिक राम, भानु प्रताप, करण सिंह सूर्यवंशी, पूनम खरे, सुनीता कश्यप, देवकुमारी मरावी, अनिरुद्ध सिंह छत्री, गनेशिया देवी, प्रेमा बाई खरे, गायत्री चांदने सहित कई अन्य याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी।

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Bilaspur High Court Latest News in Hindi: याचिकाकर्ता जांजगीर-चांपा जिले के विभिन्न विकासखंडों में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में कई वर्षों से दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत थे। इनमें से कई सफाई कर्मी, रसोइया आदि के रूप में नियुक्त किए गए थे। लेकिन पिछले माह बिना पूर्व सूचना के इन्हें अचानक हटा दिया गया। साथ ही, जून 2022 से अब तक उनकी मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया गया, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए।

हाईकोर्ट का आदेश

न्यायमूर्ति ए.के. प्रसाद ने इस मामले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर-चांपा और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सक्ती सहित अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन पर विचार कर उन्हें पूर्ववत कार्य पर रखने और उनके बकाया वेतन के भुगतान की प्रक्रिया को 45 दिनों के भीतर पूरा किया जाए।

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Bilaspur High Court Latest News in Hindi: हाईकोर्ट का यह निर्णय न केवल प्रभावित कर्मचारियों के लिए राहतकारी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायालय अब हिंदी भाषा को भी न्यायिक प्रक्रिया में अधिक महत्व दे रहा है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown