BJP MLA Krishnamurti Bandhi: रेप का आरोप लगाने वाली महिला को जिंदा जलाने में कृष्णमूर्ति बांधी का कितना योगदान? चुनाव से पहले फिर उठने लगे सवाल
रेप का आरोप लगाने वाली महिला को जिंदा जलाने में कृष्णमूर्ति बांधी का कितना योगदान? Krishnamurti Bandhi burned woman
मस्तूरी: Krishnamurti Bandhi burned woman छत्तीसगढ़ में चुनावी आगाज हो चुका है और चुनावी बिगुल बजने के बाद सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है। राजनीतिक दलों के नेता पहले चरण के मतदान के बाद दूसरे चरण के लिए चुनावी मैदान में उतरकर अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं। तो वहीं आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चरम पर है। छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों 90 में से एक सीट की चर्चा जोरों पर है। इतने में आप समझ तो गए ही होंगे कि हम मस्तूरी विधानसभा सीट और वहां से विधायक कृष्णमूर्ति बांधी की बात कर रहे हैं। वैसे तो विधायक बांधी का विवादों से नाता सियासत की सिढ़ी चढ़ते ही बन हो गया था, उनके खिलाफ कई ऐसे गंभीर मामले भी हैं जिन्हें जानना जनता के लिए बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि 17 नवंबर को मस्तूरी की जनता मतदान कर अपने क्षेत्र के विधायक के तौर पर एक नेता चुनेगी। तो चलिए जानते हैं कृष्णमूर्ति बांधी के बारे में सब कुछ…
रेप का आरोप लगाने वाली महिला की संदिग्ध मौत
Krishnamurti Bandhi burned woman इस मामले को पूरा जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा। हम बात कर रहे हैं साल 2013 की जब विधानसभा चुनाव होना था। चुनाव से ठीक एक पहले एक महिला की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी। ये वही महिला थी, जिसने कृष्णमूर्ति बांधी पर रेप का आरोप लगाया था। आरोपों की जांच के दौरान पीड़िता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद बांधी और मुसीबत में घिर गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन अब आज भी ये सवाल उठता है कि क्या रेप पीड़िता की मौत में बांधी का हाथ है? क्या बांधी सहित अन्य आरोपियों ने सच में रेप किया था? क्या सामने न आ जाए इसलिए कृष्णमूर्ति बांधी ने अपने सहयोगियों के साथ पीड़िता की हत्या कर दी?
क्या कहा था पीड़िता ने
पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया था कि पहले वह किसी अन्य शख्स के माध्यम से कृष्णमूर्ति बांधी से मिली थी, बांधी से मिलाने वाले शख्स ने कहा था कि वो उसे नौकरी दिलाएगा। ये भी अश्वासन दिया गया था कि उसे और उसके बेटे को सुरक्षा भी दी जाएगी। महिला का कहना था कि जिस बांधी को देवता बताया गया था वो तो हैवान निकले, उन्होंने खुद मेरे साथ रेप करने के बाद कई और लोगों से संबंध बनाने को कहा। खैर ये तो महिला का आरोप था, सच सामने आता उससे पहले ही उसकी मौत हो गई।
सतनामी समाज के खिलाफ विवादित बोल
नेताओं और कार्यकताओं के बीच ही नहीं बल्कि जनता के बीच भी बांधी अपनी बखत नहीं बना पाए हैं। जी हां कई बार उन्होंने ऐसा बयान दिया है तो खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर साबित हुआ है। तकरीबन दो वर्ष पहले क्षेत्र में सीसी रोड के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे बांधी ने भरे मंच से सतनामी समाज को लेकर अभद्र व अपमानित करने वाली टिप्पणी कर दी थी, जिससे सतनामी समाज खासा आक्रोशित हुआ था। इसके बाद से उन्हें सियासी तौर पर सतनामी विरोधी भी कहा जाने लगा है। डॉ बांधी विपक्ष के विधायक के तौर पर भी गलतबयानी के कारण विवादों में रहे हैं।
भांग और गांजा को बढ़ावा देने की वकालत
ये मौका था साल 2022 का जब मानसून सत्र के दौरान विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने भरे सदन में शराबबंदी को लेकर भांग और गांजा को बढ़ावा देने की वकालत की थी। उनका कहना था कि जो बलात्कार, झगड़ा हो रहा है। वह कहीं ना कहीं हमारी प्रवृत्ति एवं दारू, शराब की वजह से हो रहा है। झगड़ा- लड़ाई, हत्या, बलात्कार या दारू शराब पीने वाले लोग करते हैं।
रिश्तेदारों के साथ मिलकर जमीन घोटाला
विधायक बांधी का विवादों से नाता यहीं खत्म नहीं होता है उनके खिलाफ जमीन घोटाले का भी आरोप लगा है। आरोप है कि विधायक बांधी ने बेजा कब्जाधारियों को भूस्वामी बताकर पट्टा दिलाया गया और इसके बाद उस जमीन का नेशनल हाइवे के लिए अधिग्रहण किए जाने पर मुआवजे के तौर पर मोटी रकम दिलाई गई। इतना ही नहीं बची हुई जमीन पर बांधी पर और उनके रिश्तेदारों पर प्लॉटिंग किए जाने का भी आरोप है।
अवैध खनन का आरोप
क्षेत्र में अवैध उत्खनन का कारोबार चलाने के भी आरोप लगते हैं। वे गिट्टी खदान व क्रेशर का भी संचालन करते हैं। हालंकि मस्तूरी क्षेत्र खनन को लेकर हमेशा से चर्चा में रहा है। मस्तूरी क्षेत्र में कई पत्थर खदानें संचालित हैं। जिन्हें राजनीतिक संरक्षण है। खनन के कारण कई गांव भी इससे प्रभावित हैं। धूल डस्ट के साथ सड़कों की हालत खस्ताहाल है। बड़े लोडिंग वाहनों के कारण हादसों का ग्राफ भी बढ़ा हुआ है। आए दिन क्षेत्र में सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है।
विरोध के बावजूद भाजपा ने जताया भरोसा
डॉ बांधी पर क्षेत्र में भाजपा नेताओं ने भी उपेक्षा का आरोप लगाया हे। कहा जाता है डॉ बांधी अपने विकल्प के तौर पर क्षेत्र में किसी दूसरे नेता का जमीन तैयार नहीं होने देना चाहते हैं। इसके कारण क्षेत्र से समय- समय पर विरोध के स्वर सामने भी आते हैं। टिकट वितरण से पहले भी एक पक्ष ने डॉ बांधी के जगह नए प्रत्याशी की खुलकर मांग की थी। टिकट वितरण के बाद भी ये विरोध देखा गया। क्षेत्र की भाजपा नेत्री चांदनी भारद्वाज ने पार्टी छोड़ दिया और सीधे तौर पर इसके लिए डॉ बांधी पर उपेक्षा का आरोप लगाया।
जीत नहीं आसान
तमाम विवादों और विरोध के बीच 2023 में डॉ बांधी को एकबार फिर प्रत्याशी बनाया गया है। लेकिन इस बार उनकी राह आसान नहीं है। तीसरे मोर्चे के तौर पर बसपा, जोगी कांग्रेस और बागी उनका समीकरण बिगाड़ रहे हैं। उनके पुराने विवादित विडियो एकबार फिर चुनाव में चर्चा का विषय बने हुए हैं, सोशल मिडिया में उन्हें फिर से जमकर वायरल किया जा रहा है। चुनावी सीजन में बांधी से जुड़े ये विवाद उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं।

Facebook



