Publish Date - February 27, 2025 / 12:03 PM IST,
Updated On - February 27, 2025 / 12:03 PM IST
CG Bhilai News | Photo Credit: IBC24 Customize
HIGHLIGHTS
आवारा कुत्तों का हमला: पांच जिंदा बछड़ों को खा गए आवारा कुत्ते।
बीमार गायों पर हमला: कुत्तों का हमला जारी, गायों की सुरक्षा खतरे में।
प्रशासन की अनदेखी: गौठान की टूटी बाउंड्री, प्रशासन ने नहीं की कोई कार्रवाई।
भिलाई: CG Bhilai News इन दिनों कुत्तों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, और यह समस्या शहरों के कई हिस्सों में बढ़ती जा रही है। विशेष रूप से, सड़कों पर आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है। यह कुत्ते लोगों के साथ साथ अब पशुओं पर भी हमला कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दुर्ग जिले के भिलाई से सामने आया है। जहां अवारा कुत्तों ने पांच जिंदा बछड़ों पर हमला किया है।
CG Bhilai News अब इस घटना की चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें आवारा कुत्तों ने गौठान में घुसकर पांच जिंदा बछड़ों को खा लिया। यह घटना तब हुई जब गौठान के चारों तरफ बाउंड्री टूटी हुई है। जिसमें आवारा कुत्ते आसानी से घुस जाते हैं।
इसके अलावा, बीमार गायों पर भी कुत्तों का हमला हो रहा है, जो इस समस्या को और भी गंभीर बना रहा है। गौठान के पास आवारा कुत्तों का बढ़ता हमला न केवल गायों और बछड़ों के लिए खतरनाक है, बल्कि यह स्थानीय किसानों और पशुपालकों के लिए भी चिंता का विषय बन चुका है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। गौठान की बाउंड्री की स्थिति भी बेहद खराब हो गई है, और इसकी मरम्मत या सुधार के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। प्रशासन की इस अनदेखी के कारण पशुओं के जीवन के लिए खतरे बढ़ते जा रहे हैं।
आवारा कुत्तों ने भिलाई के एक गौठान में पांच जिंदा बछड़ों पर हमला किया और उन्हें खा लिया।
गौठान के पास कुत्तों का हमला क्यों बढ़ रहा है?
गौठान के चारों ओर बाउंड्री टूटने के कारण कुत्तों को अंदर घुसने में आसानी हो रही है, जिससे हमले बढ़ रहे हैं।
प्रशासन ने इस समस्या पर क्या कदम उठाए हैं?
स्थानीय प्रशासन की ओर से इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, और गौठान की बाउंड्री की मरम्मत या सुधार के लिए भी कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
इस समस्या का समाधान क्या हो सकता है?
इस समस्या का समाधान गौठान की बाउंड्री को मजबूत करना और आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करना हो सकता है, साथ ही प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।