CG Ki Baat in ibc24

CG Ki Baat: करोड़ों की हेराफेरी..एक्शन में क्यों देरी?गरीबों के राशन पर डाका..PDS में किसने लगाई सेंध?

CG Ki Baat in ibc24 : प्रदेश के खाद्य मंत्री के अपने इलाके, सरगुज़ा जिले में राशन दुकानों में राशन गडबड़ी उजागर होने के बाद..खाद्य विभाग ने जिले की सभी 511 राशन दुकानों में भौतिक सत्यापन कराया.

Edited By :   Modified Date:  April 1, 2023 / 10:26 PM IST, Published Date : April 1, 2023/10:18 pm IST

रायपुर। एक दौर था जब प्रदेश के पीडीएस सिस्टम को राष्ट्रीय स्तर पर साल दर साल पुरूस्कार मिला करता था लेकिन अब इसी सिस्टम में गड़बडियों की घुन लगी दिखती है…बड़ी बात ये कि पीडीएस सिस्टम में करोड़ो की सेंध लगाने की शिकायक सामने भी आई तो वो प्रदेश के खाद्य मंत्री के अपने गृह जिले में…अब जिला प्रशासन ने 366 राशन दुकानों में 5 दिन के भीतर दुकान संचालकों से वसूली के निर्देश तक जारी किया किया है…और ये पहली बार भी नहीं है, तो आज इसी अहम मुद्दे पर होगी सीधी बहस…पहले एक रिपोर्ट देखते हैं…

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प्रदेश के खाद्य मंत्री के अपने इलाके, सरगुज़ा जिले में राशन दुकानों में राशन गडबड़ी उजागर होने के बाद..खाद्य विभाग ने जिले की सभी 511 राशन दुकानों में भौतिक सत्यापन कराया…जिसमें पता चला कि यहां राशन दुकानों से करीब 45 हजार क्विंटल चावल गायब है,इसी तरह 2 हजार 555 क्विंटल चना, 4280 क्विंटल शक्कर और करीब 4500 क्विंटल नमक गायब है…खाद्य विभाग भी मानता है कि जिले में भौतिक सत्यापन और ऑनलाइन एंट्री मात्रा में अंतर मिला…और गायब राशन की कीमत 4 करोड़ से ज्यादा है… कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए 5 दिन के भीतर गायब राशन शासन को जमा करने के निर्देश राशन दुकान संचालकों को दिये हैं, वर्ना उनपर FIR के निर्देश दिए गए हैं….।

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मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है…पूर्व सीएम रमन सिंह इसे सबसे बड़ा, करीब 600 करोड़ रुपए का घोटाला करार दे रहे हैं…विपक्ष का आरोप है कि एक साल से जानकारी के बाद भी सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही…जबकि प्रदेश मंत्री रविंद्र चौबे का दावा है कि इस मसले पर CM पहले ही विभाग को कार्रवाई और वसूली का निर्देश दे चुके हैं…।

वैसे ये खेल कई नया नहीं है…खाद्य विभाग की जांच में ये पता चला था कि 2017 से 2022 के बीच प्रदेश में BPL-APL परिवारों को बांटे जाने वाले चावल में से करीब 220 करोड़ रुपये का चावल गायब है…क्योंकि पहले ई-पॉश मशीन और टेबलेट के जरिए बांटे जाने वाले चावल का डाटा कभी एक सर्वर पर नहीं रहा, जब डेटा एक सर्वर पर लाकर मिलान हुआ तो पता चला कि प्रदेश के पीडीएस दुकानों में 1 लाख 65 हजार 18 टन चावल बचत के रुप में पड़ा है…जिसपर खाद्य संचालनालय ने कलेक्टर्स को फिजिकल वेरिफिकेशन कर बचत स्टॉक की जानकारी अपडेट करने का निर्देश दिया था…साफ दिखा कि हजारों टन चावल पीडीएस दुकान संचालकों ने खुले बाजार में बेचा है…सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या प्रदेश में अब भी ये घपला जारी है ?

ब्यूरो रिपोर्ट, आईबीसी 24