रायपुरः CG Politcs छत्तीसगढ़ में धान पर एक बार फिर घमासान छिड़ने के आसार है, जिसकी जमीन अभी से तैयार होने लगी है। कांग्रेस का आरोप है कि धान की नई फसल के लिए सरकार की तैयारी नाकाफी है। किसानों को खाद और DAP की कमी के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस ने इसे लेकर आने वाले दिनों में आंदोलन का भी मन बना लिया है.. दूसरी तरफ बीजेपी कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है।
CG Politcs देश में मानसून दस्तक दे चुका है और जल्द ही छत्तीसगढ़ में भी झमाझम बारिश का दौर शुरू होने वाला है. बारिश के आते ही किसान धान की बुवाई शुरू कर देंगे, लेकिन धान का सीजन शुरू होने से पहले ही कई जगह से DAP की किल्लत और जमाखोरी के मामले सामने आने लगे हैं. जिसके बाद छापेमारी कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अंबिकापुर में कृषि विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने नकली खाद की आशंका में छापा मारा। सैंपल जांच के लिए लिए लिए और दुकान को सील कर दिया। मामले ने अब सियासी रंग भी ले लिया है। कांग्रेस लगातार इसे लेकर सरकार पर हमलावर है और आंदोलन की तैयारी कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि भूपेश सरकार में शुरू किए गए गौठान बंद करने के चलते खाद की किल्लत हो गई है। सरकार चाहती नहीं कि धान की फसल अच्छी हो नहीं तो ज्यादा धान खरीदना पड़ेगा।
कांग्रेस ने खाद के बहाने बीजेपी सरकार पर गौठान बंद करने का आरोप लगाया तो बीजेपी ने भी जोरदार पलटवार किया। ना केवल खाद की किल्लत के आरोप को सिरे से खारिज किया बल्कि गौठानों पर भी हमला बोला। यानी मानसून की दस्तक के साथ ही छत्तीसगढ़ में धान की खेती शुरू हो जाएगी। जाहिर है नक्सलवाद के बाद धान का मुद्दा सूबे में राजनीति का सबसे हॉट टॉपिक रहा है। ऐसे में ये तो तय है कि खाद के बहाने शुरू हुआ सियासी फसाद जल्द नहीं थमने वाला है।