Reported By: SuryaPrakash Chandrawanshi
,Kawardha News | Photo Credit: IBC24
कवर्धा: Kawardha News कबीरधाम जिले के कामठी गांव में पिछले 3-4 सालों से दो समुदाय के बीच लगातार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। हालात ये है कि विवाद और ज्यादा गहराते जा रहा है, लेकिन शासन और प्रशासन मामले को सुलझा नही पा रहे हैं। दुर्गा स्थापना से पहले आज एक बार फिर से गांव में जमकर बवाल हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्की बल का प्रयोग भी करना पड़ा। वहीं इस भगदड़ में करीब 22 ग्रामीणों को चोंटे आई है। जबकि 7 पुलिसकर्मीयों को हल्की चोंटे आई है। फिलहाल शांति व्यवस्था बनाने के लिए गांव में 50 पुलिसकर्मियों की दशहरा तक तैनाती किया गया है।
Kawardha News दरअसल पूरा मामला कुकदूर थाना के कामठी गांव का है, जहां दुर्गा स्थापना से ठीक एक दिन पहले पंडाल को लेकर जमकर विवाद हुआ। हिन्दू पक्ष कें लोगों का आरोप है कि मंदिर परिसर में माता के लिए पंडाल बनाया जा रहा था। जिसे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उखाड़ कर फेंक दिया। जिसके बाद हिन्दू पक्ष के लोग आक्रोशित हो गए और बेकाबू भींड ने परिसर के बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि जब जब धार्मिक आयोजन होता है तब हमेशा गोंडवाना पार्टी के लोग इसी तरह से हमारे आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं, पिछले साल भी दुर्गा स्थापना के दिन बवाल किये। हाल ही में कुछ दिनों पहले कमरछठ पूजा में भी मेन गेट पर ताला जड़ा गया और आज एक फिर से यही हालात उतपन्न हुआ। दोनों समुदाय के लोग बेकाबू हो गए। जिसके बाद पुलिस की भारी बल मौके पर बुलाया गया और स्थिति को नियंत्रित किया गया।
वहीं मामले को लेकर कलेक्टर ने साफ लहजे में कहा की यह शासकीय जमीन है। किसी धर्म या समाज का नहीं। जमीन के नाम से ही यहां पर बार बार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। दोनों समुदाय के लोगों का एक समिति गठित कर जल्द ही मामले को सुलझाया जाएगा। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इस मंदिर परिसर के चारों ओर जब से बाउंड्रीवाल निर्माण किया गया है, तब से लगातार यहां पर विवाद की स्थिति उतपन्न हो रही है।
गोंडवाना पार्टी के लोग हमेशा मंदिर परिसर के गेट पर ताला जड़ देते हैं। इसलिए बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया जाए ताकि सभी धर्म के लोग अपने देवी देवताओं की पूजा पाठ कर सके। वहीं एसपी ने दुर्गा पंडाल लगाने से रोकने की कोशिश करने वालो को साफ तौर पर कहा कि दुर्गा पंडाल यहीं पे स्थापित किया जाएगा और आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नही जाएगा। अब देखना ये है कि पिछले तीन सालों से चल रही विवाद को प्रशासन किस तरीके से सुलझाता है और दोनो समुदाय के बीच चल रहे खींचतान को कैसे दूर करती है।