रायपुर, 04 फरवरी 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 05 फरवरी को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। सीएम बघेल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि बसंत पंचमी से ऋतुराज बसंत का आगमन होता है, इस समय प्रकृति अपना सर्वाेच्च निखार लिए होती है इसलिए बसंत पंचमी को हरियाली और फसल के त्यौहार के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन विद्या, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना भी की जाती है। मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कामना की है कि ऋतु परिवर्तन के साथ यह पर्व सभी के जीवन में नई उमंग, ऊर्जा और उत्साह का संचार लेकर आए।
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वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने बसंत पंचमी माँ सरस्वती पूजा की प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। डॉ महंत ने कहा कि, बसंत पंचमी देश के अलग-अलग राज्यो में मनाये जाने वाला हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है । यह पूजा सम्पूर्ण भारत में बड़े उल्लास के साथ की जाती है। बसंत पंचमी के पर्व से ही ‘बसंत ऋतु’ का आगमन होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। पत्रपटल तथा पुष्प खिल उठते हैं। लोकप्रिय खेल पतंगबाज़ी, बसंत पंचमी से ही जुड़ा है। यह विद्यार्थियों का भी दिन है, इस दिन विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की पूजा आराधना भी की जाती है।
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डॉ महंत ने इस दिन की महत्ता को बताते हुये कहा कि, माँ सरस्वती विद्या व ज्ञान की अधिष्ठात्री हैं, जिनकी जिव्हा पर सरस्वती देवी का वास होता है, वे अत्यंत ही विद्वान् व कुशाग्र बुद्धि होते हैं। बहुत लोग अपना ईष्ट माँ सरस्वती को मानकर उनकी पूजा – आराधना करते हैं। जिन पर सरस्वती की कृपा होती है, वे ज्ञानी और विद्या के धनी होते हैं। बसंत पंचमी का दिन सरस्वती जी की साधना को ही अर्पित है।