रायपुरः छ्त्तीसगढ़ विधानसभा का 5 दिवसीय शीतसत्र तीसरे दिन ही समाप्त हो गया। इसके पहले सरकार ने अनुपूरक बजट समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित करवा लिए…सत्र के पहले दिन दिवंगत जनप्रतिनियों को श्रद्धांजलि दी गई, तो दूसरे दिन विपक्ष ने पीएम आवास योजना को लेकर सरकार से सवाल पूछा और जमकर हंगामा किया। शीतसत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने धान उठाव,चिटफंड और रेडी-टू-ईट जैसे मुद्दों पर सरकार से तीखे सवाल पूछे। जिसपर सदन में गर्मागर्म बहस हुई। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। पहले दिन से ही सत्तापक्ष और विपक्ष के तेवर देखकर इस सत्र के हंगामेदार और जल्द समाप्त होने का आसार थे। अब विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित होते ही दोनों पक्षों एक-दूसरे पर हमलावर हैं। सवाल है कि इस संक्षिप्त सत्र से प्रदेश की जनता को क्या मिला है। सवाल ये भी कि चर्चा से कौन भाग रहा है?.
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शीतकालीन सत्र तीसरे दिन जनता कांग्रेस विधायक रेणु जोगी ने प्रदेश में चिटफंड कंपनियों का मामला उठाते हुए साल 2018 से प्रदेश में संचालित चिटफंड कंपनियों का ब्यौरा मांगा। इसपर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन को बताया कि प्रदेश में चिटफंड अधिनियम 1982 के प्रावधानों के अंतर्गत कोई भी चिटफंड कंपनी अधिकृत रूप तौर पर पंजीकृत या संचालित नहीं है। ऐसी कंपनीज के संचालन के जो भी मामले संज्ञान में आए, उन पर कार्रवाई जारी है…विपक्ष ने सरकार की कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा बताया। सदन में पूर्व सीएम रमन सिंह ने धान उठाव का मामला उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि…गलत नीति की वजह से धान उपार्जन केंद्रों से करोड़ों का धान उठाव नहीं हुआ और सड़ गया है। मामले में खाद्य मंत्री के जवाब और टिप्पणी से नाराज होकर बीजेपी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में घुस गए। जिसपर विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद अपनी टिप्पणी पर खाद्य मंत्री ने खेद व्यक्त किया। बीजेपी ने शून्यकाल में रेडी-टू-ईट का मामला उठया।
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बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सरकार के इस फ़ैसले से 30 हज़ार समूह की महिलाएं प्रभावित हुई हैं। जवाब में प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि महिला स्व सहायता समूहों को हटाया नहीं जाएगा। सभी को काम दिया जाएगा। भाजपा सदस्य रेडी-टू-ईट के मामले में लाए स्थगन प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा की मांग की। जिसपर संसदीय सचिव रविन्द्र चौबे की सहमति के बाद चर्चा के लिए 3 बजे का समय दिया गया लेकिन भाजपा विधायक तत्काल चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे और नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में घुस गए। जिसके चलते वो स्वत: निलिंबित हो गए। विरोध में भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉक आउट करते हुए दिनभर कार्यवाही का बहिष्कार किया। इसपर सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
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विपक्ष के सदन की कार्यवाही से बहिष्कार के बाद सरकार ने BJP विधायकों की अनुपस्थिति में द्वितीय अनुपूरक बजट समेत सभी संशोधन विधेयकों को पारित करवा लिया। जिसपर विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला। अनुपूरक मांग बजट समेत जरूरी विधेयकों को पारित करने का साथ ही विधानसभा शीतकालीन सत्र तीसरे दिन ही समाप्त करते हुए सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया। जिसपर एक बार फिर दोनों पक्ष के बीच मुद्दों और सवालों पर चर्चा से भागने को लेकर बहस छिड़ गई है।