रायपुर। प्रदेश में दिनों-दिन कोरोना संक्रमण बढ़ते जा रहा है..इसके रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने कई फैसले और तमाम व्यवस्थाएं की है..स्कूल, आंगनबाड़ी समेत रैली और जुलूस जैसे कार्यक्रम पूरी तरह बंद है…लेकिन अभी भी कॉलेज खुले हुए है..इससे कॉलेज स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स चिंतित है.. .
अब सवाल ये है कि..कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने.. जब स्कूल और आंगनबाड़ी को बंद करने का फैसला लिया गया.. तो कॉलेज क्यों खुले हैं.. वो भी तब जब युवा बड़ी संख्या में संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं.. ऐसे में कॉलेजों में उमड़ रही भीड़ में कोई संक्रमित होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा..?
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आंकड़े बता रहे हैं कि.. छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर की शुरूआत हो चुकी है..हर दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले पिछला रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं.. 7 जनवरी तक प्रदेश में 9 हजार 684 एक्टिव केस है..जिसमें सबसे ज्यादा मरीज रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ और दुर्ग में है.. संक्रमितों में 50 फीसदी से ज्यादा युवा शामिल है..बावजूद इसके इन शहरों में कॉलेज सामान्य दिनों की तरह ही संचालित हो रहे हैं.. स्टूडेंट्स रोजाना क्लास अटैंड करने प्रैक्टिकल या फाइनल एग्जाम फार्म सब्मिट करने के लिए कॉलेजों में पहुंच रहे हैं…ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या हजारों है..बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शिक्षक और कर्मचारियों के साथ-साथ कॉलेज प्रबंधन भी दहशत में हैं..तो स्टूडेंट्स भी अब कॉलेज आने से घबराने लगे हैं..
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू संबंधित आदेश जारी किया..जिसमें शिक्षण संस्थानों में केवल स्कूल और आंगनबाड़ी को बंद करने का फैसला शामिल था…आदेश में कॉलेज बंद का जिक्र नहीं था…अब बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शिक्षक और स्टूडेंट्स कॉलेज बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई का सुझाव दे रहे हैं..विपक्ष भी तत्काल कॉलेज बंद करने की मांग कर रहा है..
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इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव का कहना है कि.. कॉलेज में छात्रों की उम्र 18 वर्ष से अधिक है..जिनका टीकाकरण काफी लंबे समय से चल रहा है…और उनमें संक्रमण का खतरा अभी कम है..इसलिए उन्हे बंद नहीं किया गया है…हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि अगर संक्रमण की दर कॉलेजो में बढ़ती है..तो फिर उन्हे बंद करने के संबंध में फैसला जिला प्रशासन अलग से लेगा..
प्रदेश में कोरोना की औसत पॉजिटिविटी दर 6.32 प्रतिशत है..और जिस तरह से संक्रमण दर और मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है..जो चिंता की बात है..कोरोना की तीसरी लहर के दस्तक के साथ ही एक राहत की बात ये है कि प्रदेश में 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है..7 जनवरी तक 38 फीसदी बच्चों को सुरक्षा कवच लग चुका है।