Dantewada News: कभी नक्सलियों का अड्डा था भट्टीगुड़ा, अब स्कूल खुला, 75 बच्चों ने पहले दिन की पढ़ाई की शुरुआत

Dantewada News: कभी नक्सलियों का अड्डा था भट्टीगुड़ा, अब स्कूल खुला, 75 बच्चों ने पहले दिन की पढ़ाई की शुरुआत

Dantewada News: कभी नक्सलियों का अड्डा था भट्टीगुड़ा, अब स्कूल खुला, 75 बच्चों ने पहले दिन की पढ़ाई की शुरुआत

Dantewada News/Image Source: IBC24

Modified Date: July 18, 2025 / 02:39 pm IST
Published Date: July 18, 2025 2:38 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भट्टीगुड़ा में खुला पहला स्कूल,
  • नक्सली गढ़ में अब बच्चों की पढ़ाई शुरू,
  • गोलियों की जगह गूंजेगी स्कूल की घंटी,

दंतेवाड़ा: Dantewada News:  एक समय था जब भट्टीगुड़ा गांव की पहचान नक्सली गतिविधियों, बम धमाकों और गोलियों की तड़तड़ाहट से होती थी। अब वही गांव शिक्षा की ओर कदम बढ़ा रहा है। माओवादी प्रभाव क्षेत्र में चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन और सुरक्षाबलों के कैम्प के बाद धीरे-धीरे माओवादियों का दबदबा कम हो रहा है, और अब इसका सकारात्मक असर भी दिखने लगा है।

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Dantewada News:  आज़ाद भारत में पहली बार दंतेवाड़ा ज़िले के उसूर ब्लॉक के भट्टीगुड़ा गांव में स्कूल फिर चलो अभियान 2025 के तहत एक नवीन प्राथमिक शाला की शुरुआत की गई है। जहाँ पहले बंदूकें बोली जाती थीं अब वहाँ बच्चों की मुस्कान और स्कूल की घंटी गूंजेगी। खुले झोपड़ी के नीचे पढ़ाई की शुरुआत करते हुए पहले ही दिन 75 बच्चों का नामांकन हुआ, जिसमें से 65 बच्चे स्कूल पहुँचे और उत्साहपूर्वक पढ़ाई शुरू की। बच्चों को सरकार की ओर से स्कूल बैग, कॉपियाँ, पाठ्यपुस्तकें और तीन सेट ड्रेस भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें एक स्पोर्ट्स ड्रेस भी शामिल है।

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Dantewada News:  स्थानीय युवक को शिक्षादूत के रूप में नियुक्त किया गया है जो बच्चों को पढ़ाने के साथ ही शिक्षा के महत्व को भी समझाएगा। साथ ही स्कूल में दो रसोइयों और एक सफाई कर्मचारी की भी नियुक्ति की गई है, ताकि बच्चों को मध्यान्ह भोजन और स्वच्छ वातावरण मिल सके। खंड स्रोत समन्वयक ने जानकारी दी कि यह पहल सिर्फ एक स्कूल खोलने की नहीं बल्कि माओवादी प्रभाव से बाहर निकलते गाँव को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।