Dantewada Organic Farming
Dantewada Organic Farming: दंतेवाड़ा। प्रकृति की गोद में बसा जिला दंतेवाड़ा में प्राकृतिक रूप से खेती का प्रचलन रहा है। जिला अंतर्गत वर्तमान में कृषकों के द्वारा छिड़काव विधि से खेती की जाती है। किन्तु पिछले कुछ समय से कई क्षेत्रों में कृषकों द्वारा कुछ रासायनिक खादों का भी उपयोग देखा जा रहा है। रासायनिक खाद के उपयोग के दुष्परिणामों के प्रभावों को रोकने एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिला अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बिहान अंतर्गत पिछले 04 वर्षों से मिशन की महिला किसानों को वैज्ञानिक विधि से खेती के गुण सिखाये जा रहें है।
इसी तारतम्य में जिले के समुदाय आधारित संहवनीय कृषि उप योजना से जुड़े 03 विकासखंड दंतेवाड़ा, गीदम व कुआकोंडा में कार्यरत 80 से अधिक कृषि मित्रों को प्राकृतिक खेती के संबंध में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, केवीके, एवं बिहान योजना के मास्टर प्रशिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला मिशन प्रबंधन इकाई से आजीविका टीम ने बताया कि रासायनिक खाद के उपयोग से उपजे सब्जियों के सेवन से मानव शरीर में बहुत से दुष्प्रभाव पड़ते हैं। चूंकि जिला दंतेवाड़ा पूर्ण रूप से जैविक जिला बनने की ओर अग्रसर है।
Dantewada Organic Farming: मिशन अंतर्गत यह प्रयास किया जा रहा है, कि जिले के प्रत्येक महिला किसान प्राकृतिक खेती को अपनाये इसके साथ ही उक्त प्रशिक्षण में मृदा प्रबंधन पर भी जानकारी दिया जा रहा है, जिससे किसान अपने मिट्टी की उर्वरता को और बढ़ायें और अपने फसल से अच्छी उपज लेकर अपनी आय में वृद्वि करें। प्राकृतिक खेती आज बदलते वक्त की मांग है। यही कारण है कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसान सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं और अपने आस-पास के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।