यहां लगती है देवी-देवताओं की अदालत, भक्तों की शिकायत पर मिलती है अनोखी सजा, सालों से चली आ रही ये पंरपरा

यहां लगती है देवी-देवताओं की अदालत : Devi-Devtao ki Adalat : Punishment given to God on complaint of Bhakta

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  • Publish Date - August 21, 2022 / 11:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

Devi-Devtao ki Adalat

केशकालः Devi-Devtao ki Adalat कोर्ट में सुनवाई और वकीलों की जिरह तो आपने देखी होगी और सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अदालत के बारे में बताने जा रहे है। जहां इंसानों की नहीं देवताओं की पेशी होती है।

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Devi-Devtao ki Adalat दरअसल, केशकाल में भंगाराम माई के मंदिर में जात्रा मेले का हर साल आयोजन होता है। इसमें आस पास के गांव के सभी देवी देवताओं की हाजिरी लगती है। जिस गांव में किसी भी प्रकार की बीमारी फैलती है। लोग परेशान रहते हैं तो उसके लिए उस गांव के देवता को दोषी माना जाता है और जात्रा में शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि बीमारी कुछ समय बाद जैसे 6 महीने या सालभर बाद ठीक हो जाती है, तो देवता को जात्रा में फिर से शामिल कर लिया जाता है और जिस गांव में कोई बीमारी नहीं होती तो उस गांव के देवता का सम्मान भी किया जाता है। लोग भी भंगाराम माई मंदिर में आते हैं और माई से सभी कष्ट दूर करने की मुराद मांगते हैं।

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कलेक्टर ने भी भंगाराम माई के मंदिर में दर्शन किए और आदिवासियों की इस अनोखी परंपरा को देखा और कहा कि पूरे देशभर से लोग बस्तर की अनोखी परंपरा देवी देवताओं की इस अदालत को देखने आते हैं। हम लोगो ने भी माई से क्षेत्रवासियों को खुशहाल रखने की कामना की है। लोग माई के दरबार में उमंग, उत्साह के साथ आते हैं। माई को अपने दुख बताते हैं। माई हर किसी के कष्ट हरती हैं और यही वजह है कि माई के दरबार में भक्तों की कतार कभी कम नहीं होती है।