बलरामपुर: Divyang Nishant studies जिले के डूमरखी में निशांत अपनी किस्मत पैरों से लिख रहा है। दरअसल निशांत पैकरा बचपन से दिव्यांग है। उसे पढ़ने का शौक है। इसलिए स्कूल में हाथ काम न करने की वजह से पैर से लिखता है। निशांत की लगन को देखकर उसकी मां संक्रांति पैकरा रोज उसे स्कूल लेकर आती हैं। अब निशांत कलेक्टर बनना चाहता है।
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Divyang Nishant studies मां का कहना है कि दिव्यांग स्कूल में एडमिशन हो जाए तो निशांत की अच्छे से पढ़ाई हो जाएगी। निशांत से कलेक्टर कुंदन कुमार भी मिल चुके हैं और निशांत को व्हील चेयर भी अवेलेवल करवाई। कलेक्टर का कहना है कि प्रशासन दिव्यांग स्कूल में निशांत के एडमिशन के लिए मदद करेगा।