Durg News: सिर्फ 600 रुपए बिल न भर पाने पर 5 साल से अंधेरे में जी रहा गरीब परिवार, बेटी की पढ़ाई भी छूटी, अब टकटकी लगाए देख रहा उजाले की आस

Durg News: सिर्फ 600 रुपए बिल न भर पाने पर 5 साल से अंधेरे में जी रहा गरीब परिवार, बेटी की पढ़ाई भी छूटी, अब टकटकी लगाए देख रहा उजाले की आस

Durg News: सिर्फ 600 रुपए बिल न भर पाने पर 5 साल से अंधेरे में जी रहा गरीब परिवार, बेटी की पढ़ाई भी छूटी, अब टकटकी लगाए देख रहा उजाले की आस

Durg News/Image Source: IBC24


Reported By: Akash Rao,
Modified Date: September 25, 2025 / 01:52 pm IST
Published Date: September 25, 2025 1:52 pm IST
HIGHLIGHTS
  • विधायक के क्षेत्र में अंधेरे में डूबा एक परिवार,
  • 600 के बिल ने छीन ली एक मां और बच्चों की रौशनी,
  • 5 साल से टकटकी लगाए देख रहा उजाले की आस,

दुर्ग: Durg News:  छत्तीसगढ़ को बने 25 वर्ष हो गए हैं। इस दौरान प्रदेश में विकास के कई दावे किए गए। हर घर तक विकास योजनाओं के पहुँचने और लाभ मिलने की बातें जोर-शोर से कही जाती रही हैं। लेकिन प्रदेश के वीवीआईपी जिला दुर्ग के दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के एक गाँव रिसामा का एक गरीब परिवार बीते पाँच वर्षों से अंधेरे में जीने को मजबूर है। ऐसा नहीं है कि घर में पहले बिजली नहीं थी। लेकिन पति की मृत्यु के बाद मात्र 600 रुपये का बिजली बिल जमा नहीं कर पाने की वजह से इस परिवार की बिजली काट दी गई।

घर में महिला अपने दो बच्चों के साथ रहती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारों के बीच यह महिला अपनी बड़ी बेटी की पढ़ाई भी पूरी नहीं करवा पाई। वह मात्र 11वीं तक ही पढ़ पाई और अब घर पर ही रह जाती है। वहीं छोटे बेटे की तबीयत भी ठीक नहीं रहती। किसी तरह मजदूरी कर यह महिला दोनों बच्चों का पालन-पोषण कर रही है। दिन निकलते ही रोशनी से थोड़ी राहत मिलती है लेकिन शाम होते ही अंधेरे का खौफ घर को घेर लेता है। यह परिवार करे भी तो क्या करे। जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई लेकिन कोई सार्थक प्रयास अब तक नहीं हो पाया। गाँव की बड़ी जनसंख्या के बीच महज़ एक परिवार की बिजली कटने की पीड़ा किसी ने नहीं समझी। निषाद परिवार के ये तीन सदस्य हर शाम दूसरों के घरों की रौशनी देखकर मन ही मन दुखी होते हैं। सोचते हैं कि उनका क्या कसूर है जो उन्हें अंधेरे में रहना पड़ रहा है।

Durg News:  यहाँ तक कि इस महिला का नाम बीपीएल सूची में भी शामिल नहीं है जिससे इसे किसी सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा। जबकि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है। हमारी इस खबर को प्रकाशित करने का उद्देश्य शासन-प्रशासन को अंधेरे से उजाले की ओर ध्यान दिलाना है ताकि ऐसे जरूरतमंद परिवारों को वह सहायता मिल सके जिसकी उन्हें सख्त ज़रूरत है। बता दें कि इस क्षेत्र के वर्तमान विधायक ललित चंद्राकर हैं जो राज्य ग्रामीण विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्या इस निषाद परिवार को उनका हक़ और उजाला मिल पाएगा या नहीं।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।