Bhilai IIT Student Death: छात्र की रहस्य्मयी मौत के बाद आक्रोश, प्रबंधन पर बड़ी लापरवाही के आरोप!..“मौत से पहले सौमिल ने मांगी थी मदद… पर नहीं मिला जवाब”
भिलाई में IIT के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग प्रथम सेमेस्टर के छात्र सौमिल साहू की मौत ने कैंपस में शोक और गुस्सा दोनों पैदा कर दिया। छात्र कैंडल मार्च और धरने के माध्यम से न्याय की मांग कर रहे हैं।
Bhilai IIT Student Death / Image Source: IBC24
- छात्रों ने मृतक के लिए कैंडल मार्च निकाला।
- मेडिकल यूनिट की लापरवाही उजागर हुई।
- छात्र प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक दोषियों की सजा नहीं।
Bhilai IIT Student Death: दुर्ग: आईआईटी भिलाई में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रथम सेमेस्टर के छात्र सौमिल साहू की संदिग्ध मौत के बाद पूरे कैंपस में शोक और गुस्से का माहौल है। घटना के बाद से ही छात्र-छात्राएं लगातार प्रदर्शन और विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि संस्थान की बड़ी लापरवाही और अव्यवस्था का नतीजा है।
कैंडल मार्च में उमड़ा छात्रों का गुस्सा
बुधवार शाम छात्रों ने सौमिल साहू को श्रद्धांजलि देते हुए कैंडल मार्च निकाला। छात्र इस मार्च को आईआईटी कैंपस के बाहर निकालना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। इसके चलते उन्होंने गेट नंबर दो के भीतर ही शांतिपूर्ण धरना दिया। हर हाथ में मोमबत्ती और हर तख्ती पर दर्द भरे संदेश थे “सौमिल को न्याय दो”, “दोषियों को सजा दो” और “हमारी सुरक्षा, हमारी जिम्मेदारी” जैसे नारे गूंजते रहे। छात्रों ने कहा कि जब तक सौमिल को न्याय नहीं मिलता उनका विरोध जारी रहेगा।
स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही
छात्रों ने आरोप लगाया कि कैंपस में 1500 छात्रों के लिए केवल एक एंबुलेंस उपलब्ध है वो भी बिना पर्याप्त सुविधाओं के। सौमिल को बीमार होने के बाद समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल सकी। मेडिकल यूनिट में तैनात डॉक्टर पहले दो बार अनुपस्थित रहे और जब पहुंचे तो उन्होंने केवल सर्दी-खांसी की दवा देकर छात्र को लौटा दिया। छात्रों के अनुसार, नर्स द्वारा जांच के लिए उपयोग किए गए उपकरण भी खराब स्थिति में थे, जिससे सही परीक्षण नहीं हो पाया। इस पूरे घटनाक्रम ने संस्थान की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रबंधन ने डॉक्टर को किया निलंबित
आईआईटी प्रबंधन ने प्रारंभिक जांच में चिकित्सा अधिकारी को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, संस्थान ने छह बिंदुओं वाली प्रेस रिलीज़ जारी की है। इसके तहत पुलिस जांच का अनुरोध किया गया है, मृतक के परिवार को शोक संदेश और प्रशासनिक सहायता दी गई है और स्वास्थ्य केंद्र में 24×7 चिकित्सा स्टाफ और एंबुलेंस की सुविधा सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, दुर्ग कलेक्टर से सरकारी डॉक्टर की नियुक्ति की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। साथ ही, एम्स, स्थानीय मेडिकल कॉलेज और छात्र प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक तथ्य-खोज समिति गठित की जा रही है जो कि 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
‘प्रबंधन जिम्मेदारी से बच रहा है’
आईआईटी की कार्रवाई के बाद भी छात्रों का आक्रोश थम नहीं रहा। उनका कहना है कि डॉक्टर का निलंबन मात्र एक औपचारिक कदम है और प्रशासन इस तरह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है। छात्रों का कहना है कि जब तक सौमिल साहू को पूर्ण न्याय नहीं मिलता और दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं होती, वो अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।’
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