(रिपोर्टःराजेश मिश्रा) Excise Minister Lakhma रायपुरः सियासी गलियारों में खासकर वोटों वाली पॉलिटिक्स में धर्म, मंदिर और भगवान इनका इस्तेमाल होता रहा है। भले ही दावे किए जाते हैं कि ये सियासत के मुद्दे नहीं हैं लेकिन फिर भी मंदिर और धर्म सियासी नैय्या पार लगाने वाले विषय सिद्ध होते रहे हैं। आज भी प्रदेश में भगवान और भगवान दर्शन को लेकर सियायत गरमाती रही। प्रदेश सरकार और कांग्रेस के आमंत्रण पर, लिखित निमंत्रण पर राजधानी रायपुर में प्रवास पर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत आज चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर गए, दर्शन किए, माथा टेका फिर भागवत VIP रोड स्थित राम मंदिर भी गए। दर्शन और पूजा कर परिसर में चल रहे मानवीय सेवा के प्रकल्पों पर जानकारी ली। इसपर कांग्रेस ने कहा कि चंदखुरी जाकर भागवत को शांति मिली होगी, बेहतर होता गौठान और आत्मानंद स्कूल को भी विजट करते। दूसरी तरफ प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के लिए भगवान बताया। इसके लिए उनके पास कई तर्क भी हैं।
Read more : भर-भराकर गिरा मकान, मलबे में दबे 4 लोग, फिर…
Excise Minister Lakhma ‘भूपेश है तो भरोसा है’ ये स्लोगन तो आपने कई बार सुना ही होगा। लेकिन अब भूपेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा का दावा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के भगवान हैं। उनके सिर पर सभी देवी-देवता आए हुए हैं। मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ का भगवान बताने के पीछे कवासी लखमा ने कई सारे तर्क हैं। लखमा यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल के पूर्वज आदिवासी रहे होंगे। जिस तरह मुख्यमंत्री देवगुड़ी पूज रहे हैं उसी का नतीजा है कि बस्तर में जमकर बारिश हो रही है…साथ ही लखमा ने बीजेपी पर भी कई तंज कसे।
इधर आबकारी मंत्री के बयान पर विपक्ष ने उन्हे मुख्यमंत्री का चाटुकार बताते हुए। कांग्रेस से पूछा कि छत्तीसगढ़ के भगवान भेदभाव क्यों कर रहे हैं। वैसे, कवासी लखमा अपने बयान और बोलने के अंदाज को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। अब जबकि विपक्ष सरकार को चुन-चुन कर वायदे और दावे पर घेर रहा है। तो मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ का भगवान बताने पर कहकर बीजेपी को मंत्री जी के साथ-साथ सरकार को कठघरे में खड़ा करने का नया मुद्दा मिल गया है। सवाल ये कि कांग्रेस इसका काउंटर कैसे करती है?