मुक्तिधाम में मेला! सुख के लिए श्मशान में जुटते हैं हजारों लोग, मृतकों की बनती है सूची, फिर दिन रात होती है पूजा |

मुक्तिधाम में मेला! सुख के लिए श्मशान में जुटते हैं हजारों लोग, मृतकों की बनती है सूची, फिर दिन रात होती है पूजा

Fair in Muktidham: इस मेले में महिलाएं, पुरुष तथा छोटे—छोटे बच्चे बड़ी संख्या में कलश यात्रा लेकर निकलते हैं और फिर श्मसान में जहाँ शव को जलाया जाता है वहीं कलश रखकर तथा मुक्तिधाम के चारों ओर घूमकर पूजापाठ करते हैं।

Edited By :   Modified Date:  December 19, 2022 / 03:29 PM IST, Published Date : December 19, 2022/3:27 pm IST

Fair in Muktidham: पखांजूर। एक अद्भुत परम्परा के विषय में आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि जहाँ मुर्दों को जलाया जाता है वहीं दिन रात जुट कर लोग पूजा पाठ करते हैं। छत्तीसगढ़ के पखांजूर क्षेत्र में एक ऐसा गांव है । पखांजूर से कुछ ही दूरी पर यहाँ इंद्रप्रस्थ गांव जहाँ ग्रामीण पिछले 2 सालों से ऐसा परम्परा निभा रहे हैं।

इस मेले में महिलाएं, पुरुष तथा छोटे—छोटे बच्चे बड़ी संख्या में कलश यात्रा लेकर निकलते हैं और फिर श्मसान में जहाँ शव को जलाया जाता है वहीं कलश रखकर तथा मुक्तिधाम के चारों ओर घूमकर पूजापाठ करते हैं।

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इस दौरान एक साथ इस मुक्तिधाम में दिन रात 3 दिन तक ग्रामीण पूजापाठ करते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से गांव में सुख समृद्धि बनी रहती है, गांव की परम्परा यह है कि एक साल में कोई भी व्यक्ति या महिला की मृत्यु होती है तो उसकी लिस्ट बनाई जाती है।

साल भर बाद इसी समय उनकी आत्मा की शान्ति के लिए 3 दिन तक पूजापाठ किया जाता हैं। एक तरफ जहां लोग मुक्तिधाम का नाम सुनकर ही डर जाते हैं और वहाँ जाना नहीं चाहते, वहीं दूसरी ओर इस गांव के बच्चे, बूढ़े , महिलाएं -पुरूष सभी मुक्तिधाम में दिन रात बैठकर पूजा पाठ करते हैं। लोगों का कहना है कि इस दुनिया में जो भी जन्म लिया है एक दिन यही आना पड़ेगा, चाहे कुछ भी करे अंतिम यात्रा इसी जगह पर होता है।

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एक ग्रामीण इंद्रजीत विश्वास का कहना है कि परंपरा के अनुसार यहां बुजुर्ग हो हो या बच्चे या फिर महिलाएं सभी मुक्तिधाम में दिन रात बैठकर पूजा पाठ करते हैं।