Gariaband Village Story: 5 साल में इस गांव को मिले 5 सरपंच.. पर नहीं मिला नाली और सड़क.. विकास को तरस रहा पूरा पंचायत

ग्रामीण आगामी पंचायत चुनावों में सोच-समझकर मतदान करने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बार वे ऐसा नेतृत्व चुनेंगे जो गांव के विकास को प्राथमिकता दे और समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो।

Gariaband Village Story: 5 साल में इस गांव को मिले 5 सरपंच.. पर नहीं मिला नाली और सड़क.. विकास को तरस रहा पूरा पंचायत

Gariaband Village Mungiya Story


Reported By: Farooq Memon,
Modified Date: January 18, 2025 / 06:13 pm IST
Published Date: January 18, 2025 6:13 pm IST

Gariaband Village Mungiya Story : गरियाबंद: जिले के देवभोग ब्लॉक के मूंगिया पंचायत में बीते पांच सालों में सरपंच की कुर्सी पांच बार बदल चुकी है। नतीजा यह हुआ कि गांव का विकास पूरी तरह से रुक गया और सरकारी योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार सरपंच बदलने के कारण गांव की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

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गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

मूंगिया पंचायत की गलियां आज भी पक्की सड़कों के इंतजार में हैं। नालियां नहीं होने की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। शौचालय, हैंडपंप और कूड़ादान देखरेख के अभाव में बदहाल स्थिति में हैं और स्वच्छता अभियान के स्मारक जैसे लगते हैं। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों पर किसी प्रकार की निगरानी नहीं की जा रही है। वहीं, सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने में भी भारी लापरवाही बरती जा रही है।

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सरपंच बदलने की वजह

Gariaband Village Mungiya Story : पांच साल पहले निर्वाचित सरपंच गजेंद्र मांझी पर कार्यकाल के शुरुआत में ही अनियमितताओं के आरोप लगने लगे। नतीजतन, उन्हें हटाया गया और पंचों को सरपंच का प्रभार सौंपा गया। लेकिन पंचों के साथ तालमेल की कमी, भ्रष्टाचार के आरोप और उच्च अधिकारियों से समन्वय न होने के कारण सरपंच की कुर्सी एक-एक करके पांच बार बदलती रही।

विकास के नाम पर शून्य

बार-बार नेतृत्व बदलने से विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए। पंचायत में कोई दीर्घकालिक योजना लागू नहीं हो सकी। ग्रामीणों का कहना है कि न केवल योजनाओं का क्रियान्वयन रुका हुआ है, बल्कि गांव की मूलभूत समस्याओं को भी नजरअंदाज किया गया है।

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Gariaband Village Mungiya Story : अब ग्रामीण आगामी पंचायत चुनावों में सोच-समझकर मतदान करने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बार वे ऐसा नेतृत्व चुनेंगे जो गांव के विकास को प्राथमिकता दे और समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो। मूंगिया पंचायत की यह स्थिति अन्य गांवों के लिए भी एक सबक है, जहां नेतृत्व के सही चयन और जिम्मेदारी का महत्व समझना जरूरी है। ग्रामीण अब उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाला नेतृत्व गांव को विकास की नई दिशा देगा।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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