गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। मरवाही विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर स्थानीय विधायक की मांग उठने लगी है। क्षेत्र में चुनावी सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। सभी पार्टी जनसंपर्क और चुनावी तैयारियों में लग गए हैं। ऐसे में मरवाही विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी नेताओं नें भी मोर्चा खोल दिया है और एक बार फिर एकजुटता देखने को मिली है। जहां आगामी चुनाव में क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी विधायक प्रत्याशी मैदान में उतारने की आदिवासी समाज में तैयारी जोरों पर चल रही है और ऐलान भी कर दिया है कि अगर कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय प्रत्याशी भी उतारे जाने की संभावना है, इसका असर निश्चित ही चुनाव के समय देखने को मिलेगा।
बता दें कि पिछले मरवाही विधानसभा उपचुनाव में वर्तमान विधायक डॉक्टर केके ध्रुव को कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रत्याशी चयन करने पर मरवाही विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी नेताओं नें एक स्वर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि उपचुनाव होने के कारण क्षेत्र के आदिवासी नेताओं को बाद में शांत होना पड़ा, पर इस बार पहले से इनकी तैयारी शुरू हो गई है। आदिवासी नेताओं ने पार्टी के द्वारा पूछपरख नहीं होने और जनता के छोटे-छोटे कार्य पूरा नहीं होने को लेकर भी नाराजगी जाहिर करते हुए विधायक के कार्यकाल से ना खुश नजर आ रहे हैं।
मरवाही विधायक के कार्यकाल से विधानसभा अध्यक्ष खुश हैं, वाले बयान पर आदिवासी नेता सरपंच संघ जिला अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष संतुष्ट हैं, तो ठीक है यहां की जनता तो विधायक के कार्यकाल पर संतुष्ट नहीं है, वो यहां आकर वोट थोड़ी देंगे चुनाव में यहां के आम जनता ही वोट देंगे। कोरबा लोकसभा के अंतर्गत आने वाले मरवाही विधानसभा सीट की स्थानीय सांसद ज्योत्सना महंत ने मरवाही में किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं होने और आपसी एकता स्थापित कर लिये जाने की बात करते हुये नजर आ रही है।
सामाजिक संगठन के नाम पर नेता अलगाव वाले सुर अपनाते हुये बगावती तेवर अभी से दिखाने शुरू कर दिये हैं, जबकि विधायक डॉ के के ध्रुव चुनाव आते ही जहां स्थानीय दौरे तेज कर दिये है तो वहीं नेताओं के विरोधाभाश को नजरअंदाज करते हुये नजर आ रहे हैं। अब आने वाले दिनों में मरवाही विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय काफी दिलचस्प होगा देखने वाली बात है। IBC24 से शरद अग्रवाल की रिपोर्ट