Vishnu Ka Sushasan: रजत जयंती वर्ष पर साय सरकार ने रखी विकसित छत्तीसगढ़ की नींव, 25 सालों में बढ़ा बजट का आकार, GDP में हुआ तगड़ा इजाफा
Government laid the foundation of developed Chhattisgarh On the occasion of silver jubilee year
रायपुरः प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक विविधता और खनिज संपदा से भरपूर इस राज्य ने पिछले 25 वर्षों में कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हालांकि चुनौतियाँ भी कम नहीं रहीं, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने बेहतर प्रबंधन और क्रियान्वयन से राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, कृषि और उद्योग जैसे क्षेत्रों में विकास की नई गाथा लिखी है। साय सरकार के गठन के बाद राज्य ने सकारात्मक परिवर्तन का अनुभव किया है।
भारत की ऊर्जा राजधानी कहे जाने वाला हमारा छत्तीसगढ़ अपना रजत जंयती वर्ष मना रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बने 25 साल से अधिक हो गए। इस साल वार्षिक बजट का आकार पौने दो लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंच चुका है यानी करीब 30 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है। साय सरकार का पहला बजट ‘GYAN’ पर आधारित था। वहीं दूसरे बजट में ‘GYAN’ को ‘GATI’ दी गई है। यानी गुड गवर्नेंस, एक्सलरेटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ के जरिए गरीब, युवा, अन्नदाता (किसान) और नारी पर फोकस किया है।

प्रदेश में दिख रहा विकास का नया मॉडल
छत्तीसगढ़ को संवारने के लिए प्रतिबद्ध साय सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में एक नया विकास का मॉडल देखने को मिल रहा है। बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ प्रदेश का विकास हो रहा है। एक ओर जहां महिलाओं के साथ-साथ सभी वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में अधोसंरचना के कामों को पूरी प्राथमिकता के साथ पूरा किया जा रहा है। धरातल पर इसकी बानगी देखने को मिलती है। पुल-पुलिया के साथ-साथ सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। जिस समय विष्णुदेव साय को प्रदेश की कमान मिली थी, उस समय पूर्ववर्ती सरकार की कुप्रबंधन को ठीक करना एक बड़ी चुनौती थी। पिछली सरकार में केवल योजनाओं में पैसे खर्चे गए। साय सरकार ने दोनों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की पहल की। राज्य बनने के बाद बजट 5700 करोड़ रुपए से शुरू हुआ था, जो अब 1 लाख 65 हजार 100 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है।
बढ़ा छत्तीसगढ़ के बजट का आकार
| क्रमांक | वर्ष | बजट राशि (रु.) |
|---|---|---|
| 1 | 2001-02 | ₹7,294 करोड़ |
| 2 | 2002-03 | ₹8,471 करोड़ |
| 3 | 2003-04 | ₹9,978 करोड़ |
| 4 | 2004-05 | ₹10,555 करोड़ |
| 5 | 2005-06 | ₹11,242 करोड़ |
| 6 | 2006-07 | ₹13,185 करोड़ |
| 7 | 2007-08 | ₹16,473 करोड़ |
| 8 | 2008-09 | ₹19,392 करोड़ |
| 9 | 2009-10 | ₹23,482 करोड़ |
| 10 | 2010-11 | ₹26,099 करोड़ |
| 11 | 2011-12 | ₹32,477 करोड़ |
| 12 | 2012-13 | ₹39,677 करोड़ |
| 13 | 2013-14 | ₹44,169 करोड़ |
| 14 | 2014-15 | ₹54,710 करोड़ |
| 15 | 2015-16 | ₹65,013 करोड़ |
| 16 | 2016-17 | ₹76,032 करोड़ |
| 17 | 2017-18 | ₹88,599 करोड़ |
| 18 | 2018-19 | ₹95,899 करोड़ |
| 19 | 2019-20 | ₹1,20,000 करोड़ |
| 20 | 2021-22 | ₹97,106 करोड़ |
| 21 | 2022-23 | ₹1,04,603 करोड़ |
| 22 | 2023-24 | ₹1,21,501 करोड़ |
| 23 | 2024-25 | ₹1,47,446 करोड़ |
| 24 | 2025-26 | ₹1,65,100 करोड़ |
सुशासन सरकार की नीतियों बढ़ी प्रति व्यक्ति आय
राज्य का GDP वर्ष 2000 में मात्र 21 हजार करोड़ रुपया था, अब 5 लाख करोड़ की GDP को पार कर चुका हैं। प्रति व्यक्ति आय 10 हजार रुपये से बढ़कर डेढ़ लाख के पास पहुँच चुका है। वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 62 हजार 870 रूपये संभावित है, जो गत वर्ष की तुलना में 9.37 प्रतिशत अधिक है। हमारे राज्य की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय औसत वृद्धि से बेहतर है। वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, स्थिर दर पर छत्तीसगढ़ की सकल घरेलू उत्पाद ( GSDP ) में 7.51 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इसी अवधि में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि प्रदेश अधिक प्रभावशाली और उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अधिक तीव्रता से बढ़ रहा है। प्रचलित दर पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2023-24 में 5 लाख 12 हजार 107 करोड़ अनुमानित था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 5 लाख 67 हजार 880 करोड़ अनुमानित है एवं इसमें 10.89 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। वर्ष 2025-26 में भी 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राज्य का GSDP 6 लाख 35 हजार 918 करोड़ तक पहुंचने का आकलन है।

साय सरकार ने बनाया विजन डाक्यूमेंट
बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ प्रदेश को संवारने में जुटी साय सरकार ने अपने अल्पकार्यकाल में ही नए प्रतिमान गढ़े हैं। जब छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सरकार के शुरुआती ऐलान में ही विजन 2047 डॉक्यूमेंट बनाने की बात कही थी। 17 जुलाई 2025 को इस विजन डॉक्यूमेंट में जनता को भी समर्पित किया गया। यह दस्तावेज केवल शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का एक ठोस संकल्प और स्पष्ट दिशा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत@2047 के संकल्प से प्रेरित है और छत्तीसगढ़ को भारत के अग्रणी एवं विकसित राज्य में शामिल करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा।इस विजन के माध्यम से राज्य की जीडीपी को 5 लाख करोड़ रूपए से वर्ष 2030 तक 11 लाख करोड़ और वर्ष 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपए तक करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कृषि उन्नति मिशन, जैविक खेती, निर्यात आधारित संभावनाएं और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं प्रभावी होंगी। वर्ष 2047 तक किसानों की आय में 10 गुना से अधिक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।

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