Hareli Festival 2023: Hareli festival in Chhattisgarh

Hareli Festival 2023 : छत्तीसगढ़ में आज हरेली की धूम, प्रदेश के पहले त्योहार के बारे में सबकुछ जानें यहां

Hareli Festival 2023 : पूरे प्रदेश में आज हरेली की धूम देखने को मिल रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार भी

Edited By :   Modified Date:  July 17, 2023 / 06:18 AM IST, Published Date : July 17, 2023/6:18 am IST

रायपुर : Hareli Festival 2023 :  छत्तीसगढ़ के लोग हर त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। कई त्योहार तो ऐसे होते हैं जो केवल छग में ही मनाए जाते है। उन्हीं त्योहारों में से एक त्योहार हरेली है। जिसका अपना ही विशेष महत्व है। पूरे प्रदेश में आज हरेली की धूम देखने को मिल रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार माना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह त्यौहार परंपरागत् रूप से उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन किसान खेती-किसानी में उपयोग आने वाले कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं गांव में बच्चे और युवा गेड़ी का आनंद लेते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर लोक महत्व के इस पर्व पर सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया है।

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कब मनाया जाता है हरेली त्योहार

Hareli Festival 2023 : श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरेली त्योहार मनाया जाता है। जुलाई के महीने में यह त्यौहार पड़ता है। पानी बरसने के बाद खेतों में फसल हरी-भरी हो जाती है तब यह त्यौहार मनाते हैं। इस वर्ष हरेली त्यौहार 17 जुलाई सोमवार यानी  आज मनाया जा रहा है ।

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किसानों से क्या है इस त्योहार का नाता?

Hareli Festival 2023 : हरेली पर्व पर किसान नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि में काम आने वाले औजारों की साफ-सफाई करते हैं। इस अवसर पर घरों में गुड़ का चीला बनाया जाता है। बैल, गाय व भैंस को बीमारी से बचाने के लिए बगरंडा और नमक खिलाने की परपंरा है। हरेली पर्व पर कुल देवता व कृषि औजारों की पूजा करने के बाद किसान अच्छी फसल की कामना करते हैं। किसान डेढ़ से दो महीने तक फसल लाने का काम खत्म करने के बाद इस त्योहार को मनाते हैं। इस पर्व पर बच्चों के लिए गांवों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

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इस दिन गेड़ी पर लोग चलते हैं

Hareli Festival 2023 : हरेली में जहां किसान कृषि उपकरणों की पूजा कर पकवानों का आनंद लेते हैं। वहीं युवा और बच्चे गेड़ी चढ़ने का मजा लेते है। लिहाजा सुबह से ही घरों में गेड़ी बनाने का काम शुरू हो जाता है। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो इस दिन 20 से 25 फीट ऊंची गेड़ी बनवाते हैं।

क्यों मनाया जाता है हरेली त्योहार?

Hareli Festival 2023 :  फसलों में किसी प्रकार की बीमारी न लग सके इसके साथ ही पर्यावरण सुरक्षित हो, जिसको लेकर किसानों द्वारा हरेली त्यौहार मनाया जाता है। हरेली अमावस्या अर्थात श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को किसान अपने खेत एवं फसल की धूप, दीप एवं अक्षत से पूजा करते हैं। पूजा में विशेष रूप से भिलवा वृक्ष के पत्ते, टहनियां व दशमूल (एक प्रकार का कांटेदार पौधा) को खड़ी फसल में लगाकर पूजा करते हैं। किसानों का मानना है कि इससे कई प्रकार के हानिकारक कीट पतंगों एवं फसल में होने वाली बीमारियों से रक्षा होती है।

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हरेली त्योहार में खेले जाते हैं ये खेल

Hareli Festival 2023 :  हरेली त्योहार के दिन बीते कुछ वर्षों से कई तरह के आयोजन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किए जाते है। जैसे राज्य के गौठनों को सजाया जाता है, गौठानों में छत्तीसगढ़ी खेल गेड़ी दौड़, फुगड़ी ,भौंरा और रस्साकशी का आयोजन किया जाता है। साथ ही गौठानों में छत्तीसगढ़ी व्यंजन की भी पूरी व्यवस्था होती है, इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला-संस्कृति, तीज-त्योहार और परंपराओं पर गर्व महसूस कर सकें।

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घरों के बाहर नीम के पत्ते लगाए जाते हैं

Hareli Festival 2023 : यह भी माना जाता है कि श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानी हरेली के दिन से तंत्र विद्या की शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है। इसी दिन से प्रदेश में लोकहित की दृष्टि से जिज्ञासु शिष्यों को पीलिया, विष उतारने, नजर से बचाने, महामारी और बाहरी हवा से बचाने समेत कई तरह की समस्याओं से बचाने के लिए मंत्र सिखाया जाता है। हरेली के दिन गांव-गांव में लोहारों की पूछ परख बढ़ जाती है। इस दिन लोहार हर घर के मुख्य द्वार पर नीम की पत्ती लगाकर और चौखट में कील ठोंककर आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उस घर में रहने वालों की अनिष्ट से रक्षा होती है। इसके बदले में किसान उन्हें दान स्वरूप स्वेच्छा से दाल, चावल, सब्जी और नगद राशि देते हैं।

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हरेली त्योहार पर बनाए जाते हैं ये प्रमुख व्यंजन

Hareli Festival 2023 : छत्तीसगढ़ लोकपर्व के साथ लोक व्यंजनों के लिए भी जाना जाता है, छत्तीसगढ़ में हरेली के लिए भी कुछ खास व्यंजन हर घर में पकाए जाते हैं, जैसे- गुड़ के चीले, ठेठरी, खुरमी और गुलगुला भजिया।

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