अपराधिक मामलों के जांच में देरी और खात्मा रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, डीजीपी को तीन दिन में जवाब देने का दिया आदेश
High court expressed displeasure over delay in investigation of criminal cases
CG News. Image Source-IBC24
बिलासपुरः छत्तीसगढ़ में अपराधिक एफआईआर के मामलों में उचित समय के भीतर जांच एवं खात्मा रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने डीजीपी को शपथ पत्र सहित तीन दिन में जवाब देने का आदेश दिया है। एक याचिका की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने 8 मई को पाया कि और भी ऐसे बहुत सारे मामले हैं जो कि संज्ञान लिए जाने योग्य है। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य के डीजीपी को व्यक्तिगत तौर पर शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं।कोर्ट का मानना है कि पुलिस अपना काम जिम्मेदारी पूर्वक करें और बेवजह फंसाए गए व्यक्ति पीड़ित ना हो। साथ ही जो आरोपी हों उन्हें कानून सम्मत सजा मिले।
दरअसल सोमा चौधरी वर्तमान में जिला दुर्ग में राजस्व निरीक्षक के पद पर हैं। उन्होंने 35 आबादी पट्टा तैयार किए थे। इसमें से 10 पट्टे ग्राम के निवासियों के नहीं थे। शासन ने इसे गलत और अवैधानिक मानते हुए आरआई, दो पटवारी सहित सरपंच एवं पार्षद पति के खिलाफ जनवरी 2019 में थाना धमधा जिला दुर्ग में धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। 25 अप्रैल 2019 को इस पर याचिका की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में अपील की गई थी। मामला लंबित था जिसमें प्रमुख रुप से याचिकाकर्ता का कहना था कि सर्वेक्षण के समय ग्राम वासियों ने जिस भूमि पर जिस व्यक्ति का कब्जा बताया उसी के मुताबिक पंचनामा तैयार किया गया था और वही लिस्ट बनाई गई। बाद में इस लिस्ट की की जांच की जिम्मेदारी तहसीलदार की थी याचिकाकर्ता सोमा चौधरी की नहीं।
याचिकाकर्ता ने और भी कई आधार लेते हुए अपना पक्ष रखा और सभी दस्तावेज पुलिस को सौंपा। इसके बाद भी पुलिस 7 जून 2019 को याचिकाकर्ता सोमा चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से लेकिन न तो मामले की विस्तृत जांच हुई और ना ही अभी तक चालान पेश किया गया। पुलिस ने मामले में खात्मा रिपोर्ट भी पेश नहीं किया।

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