जब सीएम भूपेश बघेल से बच्चे ने पूछा- ‘आपके जैसा बनने के लिए मुझे क्या करना होगा?’ जानिए क्या था मुख्यमंत्री का जवाब

'आपके जैसा बनने के लिए मुझे क्या करना होगा?'! How Can i Become Chief Minister Student Ask to CM Bhupesh Baghel

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  • Publish Date - February 25, 2022 / 06:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

रायपुर: How Can i Become Chief Minister मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बिलासपुर प्रवास पर थे। बिलासपुर में उन्होंने अनेक विकास कार्यों की सौगात जनता को दी। इस दौरान रोचक नजारा तब देखने को मिला, जब डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम में ‘सीएम की पाठशाला’ लगी। इस पाठशाला में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्कूली विद्यार्थियों के बीच पहुंचे। एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर स्कूली बच्चे काफी उत्साहित थे, तो दूसरी ओर इन स्कूली विद्यार्थियों ने इस मौके का भुनाने में भी कोई कसर बाकी न रखी और मुख्यमंत्री बघेल से सीधे सवाल करते हुए अपनी जिज्ञासा को शांत किया। संवेदनशील मुख्यमंत्री बघेल ने भी एक शिक्षक और पालक की तरह ही बच्चों से खुलकर बातचीत की। मुख्यमंत्री से अपने सवालों का जवाब मिलने पर विद्यार्थियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार देखने को मिला, वहीं भावी पीढ़ी के चेहरे खुशी और संतुष्टि के भाव से खिल उठाए।

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How Can i Become Chief Minister बिलासपुर में नवनिर्मित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम में लगी ‘सीएम की पाठशाला’ के दौरान मुख्यमंत्री बघेल के व्यक्तित्व से प्रभावित एक छात्रा ने उनसे पूछा कि ”सर आपके जैसा बनने के लिए मुझे क्या करना होगा?” इस पर मुस्कुराहट के साथ मुख्यमंत्री ने बड़ी सहजता से जवाब दिया कि, ”कभी आपके सामने कोई चुनौती आए उससे भागना नहीं चाहिए, पलायन करना कोई समस्या का समाधान नहीं है, समस्या का  सामना करना चाहिए। आपसे समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो अपने बड़ों से, गुरु से पूछें। लेकिन जब तक समाधान न मिल जाए इस दिशा में लगातार प्रयास करना चाहिए। वहीं दूसरी बात यह कि चीजों को सरलतापूर्वक लेना चाहिए। स्वयं के भीतर दूसरों के मदद की प्रवृत्ति विकसित करें।” छात्रा ने तत्काल दूसरा सवाल किया कि, ”सर आपके आदर्श कौन हैं?” इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने थोड़ा ठहरते हुए कहा कि, हिंदुस्तान में इतनी विभूतियां हैं कि किसी एक का नाम लेना उचित नहीं होगा, लेकिन यदि मैं आध्यात्मिक रूप से कहूं तो रामकृष्ण परमहंस जी हैं। राजनीतिक रूप से कहूं तो पूर्व सांसद स्व. चंदूलाल चंद्राकर जी रहे हैं, जिनकी ऊंगली पकड़कर राजनीति की शुरुआत हुई। फिर दिग्विजय सिंह जी मिल गए और प्रदेशाध्यक्ष बना तो राहुल गांधी जी का बड़ा योगदान रहा।”

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शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरकण्डा की कक्षा 11वीं की छात्रा चंचल राजपूत ने मुख्यमंत्री से पूछा कि मेरा अगले साल बोर्ड एग्जाम है, तो मुझे कैसे पढ़ाई करनी चाहिए। इस पर बघेल ने कहा कि सबसे पहले अपने ऊपर से दबाव हटा दीजिए। आप प्रतिदिन पढ़ाई करेंगे तो परीक्षा के दिनों में दवाब में नहीं आएंगे। आपको यदि एग्जाम फीवर से बचना है तो, आपको पहले ही दिन से पढ़ाई करनी होगी। प्रतिदिन टाईम टेबल बनाकर सभी विषयों को पढ़िए।

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शहीद अविनाश शर्मा शासकीय कन्या विद्यालय की छात्रा संध्या वर्मा ने अपने स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पहले धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि स्मार्ट स्कूल बनने के बाद स्कूल में कई तरह की सुविधाएं मिलने लगी हैं। फिर छात्रा संध्या वर्मा ने मुख्यमंत्री बघेल से पूछा कि, ”सर आपका स्कूली जीवन में किस तरह का रहा है और आपने कैसे पढ़ाई की है?” इस सवाल पर वहां मौजूद सभी विद्यार्थियों में उत्सुकता के भाव के साथ खिलखिलाहट गूंज उठी। मुख्यमंत्री ने भी चेहरे पर मुस्कुराहट लिए जवाब दिया, ”बेटा, मैंने तो प्राथमिक शिक्षा शासकीय स्कूल से पढ़ाई की। मैंने कक्षा तीसरी से ग्राम बलौदी में अकेले रहकर पढ़ाई की। छठवीं से आगे की पढ़ाई मर्रा गांव में की, जहां ग्यारहवीं तक की पढ़ाई की। यहां आवागमन का साधन नहीं था। रोजाना पांच किलोमीटर पैदल आवागमन करते थे। बारिश के दिनों में बाढ़ की स्थिति में तैरकर जाते थे।”

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सवाल-जवाब की कड़ी में शासकीय बहुउद्देश्यीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलासपुर के छात्र इंदर साहू ने मुख्यमंत्री से बात करते हुए कहा कि, ”सर हमारा स्कूल 1910 में स्थापित हुआ है, जहां अब आपकी वजह से स्कूल में सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, इसके लिए आपको धन्यवाद।” स्कूली छात्र के इस आत्मीय भाव को सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ” आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यमवर्गीय परिवारों को अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाई का खर्च वहन कर पाना कठिन है। ऐसे में हमारी सरकार आने के बाद शासन की योजना है कि सभी वर्गों के लिए अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा मुहैया हो। इसके लिए प्रदेश में 172 स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। जहां गुणवत्ता और स्तर में कोई समझौता नहीं किया गया है। इसके बाद हमें लगा कि हिन्दी माध्यम में भी इस स्तर के उत्कृष्ट स्कूल होना चाहिए, जिसकी शुरुआत रायपुर, बिलासपुर में हो चुकी है।” ‘सीएम की पाठशाला’ के दौरान कई और विद्यार्थियों ने भी रोचक सवाल मुख्यमंत्री बघेल से किए, जिनका लगातार सहजता से जवाब मुख्यमंत्री ने दिया।

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