शह मात The Big Debate: हिडमा का मिटा निशान..’क्रेडिट’ पर घमासान, क्या क्रेडिट के देने के फेर में नक्सलियों के खिलाफ हर सफलता पर सवाल उठाना उचित है?

Hidma Killed in Encounter: हिडमा का मिटा निशान..'क्रेडिट' पर घमासान, क्या क्रेडिट के देने के फेर में नक्सलियों के खिलाफ हर सफलता पर सवाल उठाना उचित है?

शह मात The Big Debate: हिडमा का मिटा निशान..’क्रेडिट’ पर घमासान, क्या क्रेडिट के देने के फेर में नक्सलियों के खिलाफ हर सफलता पर सवाल उठाना उचित है?

Hidma Killed in Encounter

Modified Date: November 19, 2025 / 12:05 am IST
Published Date: November 19, 2025 12:05 am IST
HIGHLIGHTS
  • सुरक्षा बलों ने नक्सल कमांडर हिडमा को मुठभेड़ में ढेर किया
  • 6 नक्सली मारे गए
  • हिडमा पर 1 करोड़ का इनाम था और वह 26 से ज्यादा हमलों का मास्टरमाइंड था

रायपुर: Hidma Killed in Encounter बस्तर और देश से नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में, सुरक्षा बल के जवानों ने आज एक बड़ी कामयाबी पाई। छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश की सीमा पर मुठभेड़ में बड़े नक्सल कमांडर हिडमा को ढेर किया। ये वही नक्सल कमांडर हिडमा है, जिसके घर जाकर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने उसकी मां से मुलाकात की थी, उसकी मां का वीडियो मैसेज रिकॉर्ड किया था कि हिडमा सरेंडर करे, इससे पहले की अनहोनी हो जाए। इसके लिए हिड़मा को 30 नवंबर तक अल्टीमेटम भी दिया गया था। आज हिडमा समेत 6 नक्सली मारे गए तो कहा जाने लगा कि अब तो 2026 से पहले ही टार्गेट अचीव हो जाएगा लेकिन इसी के साथ फिर शुरू हो गई श्रेय की लड़ाई।

Hidma Killed in Encounter मंगलवार सुबह-सुबह एक खबर ने छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश को झकझोरकर जगा दिया। बीते कई दशकों से बस्तर, खासकर दण्डकारण्य में आतंक का दूसरा नाम बन चुके। नक्सल कमांडर माड़वी हिडमा को सुरक्षा बलों मुठभेड़ में ढेर कर दिया। एक करोड़ के ईनामी नक्सल कमांडर हिडमा के साथ-साथ, उसकी पत्नी मड़गम राजे समेत कुल 6 नक्सली ढेर हुए। मुठभेड़ छत्तीसगढ़ से सटे आंध्रप्रदेश के अल्लुरी सीताराम जिले में हुई। 26 से ज्यादा जघन्य नक्सली हमलों में मास्टर माइंड रहे हिड़मा का मारा जाना, बड़ी कामयाबी है।

नक्सल कमांडर की मौत को विपक्ष भी एक बड़ी उपलब्धी मानता है लेकिन नक्सवाद के खात्मे का क्रेडिट अकेल बीजेपी के लेने पर कड़ी आपत्ति भी जता रहा है, तो इधर, बीजेपी नेता कांग्रेसियों को नक्सलियों का संरक्षक बताकर घेर रहे हैं, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ना कहा कि, हिडमा को कांग्रेसी गले लगा कर रोए, कांग्रेस नहीं चाहती नक्सली समाप्त हों।

 ⁠

तो पूर्व CM भूपेश बघेल से लेकर विपक्ष के तकरीबन सभी सीनियर नेता बार-बार याद दिला रहे हैं कि आज की कामयाबी की जमीन पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त ही तैयार की जाने लगी थी, साथ ही ये आरोप भी दोहरा रहे है कि बीजेपी सरकार की मंशा उद्योगपतियों के लिए जमीन खाली कराना है। सवाल ये है कि क्या क्रेडिट के देने के फेर में नक्सलियों के खिलाफ हर सफलता पर सवाल उठाना उचित है? क्या ये समय इस मुद्दे पर एक साथ, एक स्वर में जवानों की ताकत बढ़ाने का नहीं है?


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।