Reported By: priyal jindal
,Jashpur Rape News/Image Source: IBC24
जशपुर: Jashpur Rape News: अनुज बधु भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी।। इन्हहि कुचुकृत बिलोकइ जोई। ताहि बधें कछु पाप न होई।। भावार्थरू श्रीरामजी ने कहा की हे मूर्ख! सुन, छोटे भाई की स्त्री, बहन, पुत्र की स्त्री और कन्या ये चारो समान हैं। इनको जो कोई बुरी दृष्टि से देखता है, उसे मारने में कुछ भी पाप नहीं होता। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस की पंक्तियो के साथ जिला न्यायालय ने बहु के साथ दुष्कर्म के आरोपित चाचा ससुर को दस साल सश्रम कारावास की कठोर सजा सुनाई हैं।
Read More : OMG! बन गया कुत्ते का आधार कार्ड! लिखा है ‘मेरा आधार मेरी पहचान’, नाम टोमी… जानें क्या है सच्चाई
Jashpur Rape News: जिला न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक अनुपम तिर्की ने बताया कि 13 अगस्त 2022 को पीड़िता ने पंडरापाठ में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि 12 अगस्त को वह और उसकी बेटी घर में अकेले थे। पति काम के सिलसिले में बाहर गए हुए थे। धान रोपाई के दौरान चोटिल हो जाने से वह अपने कमरे में आराम कर रही थी। अचानक उसके कमरे में आरोपित जो रिश्ते में उसका चाचा ससुर लगता है घुस आया और उससे दुष्कर्म करने लगा।
Jashpur Rape News: पीड़िता ने स्वयं को बचाने के लिए शोर मचाया और उसकी बेटी भी घबरा कर शोर मचाते हुए सहायता के लिए बाहर दौड़ गई। कुछ देर में बेटी पड़ोसियों को लेकर वापस लौटी,तब पड़ोसियों ने उसे आरोपित के चुंगल से छुड़ाया था। पीड़िता की शिकायत पर बगीचा थाना में आरोपित के विरूद्व भारतीय दंड विधान की धारा 376,450 के अंर्तगत अपराध पंजिबद्व कर गिरफ्तार किया गया था। मामले में जांच पूरी कर बगीचा पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था।
Jashpur Rape News: अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील और प्रस्तुत किये गए प्रमाणों के आधार पर अपर सेशन न्यायाधीश जनार्दन खरे की अदालत आरोपित को दोषी पाते हुए दस साल सश्रम कारावास और 2 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा ना करने पर आरोपित को एक साल साधारण कारावास की सजा अतिरिक्त भुगतनी पड़ेगी। ‘दुष्कर्म के मामले में आरोपित चाचा ससुर को न्यायाधीश जगदीश खरे की अदालत ने दोषी पाते हुए दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इस निर्णय में न्यायालय में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्लोक का उदाहरण देते हुए इस तरह के घृणित अपराधों के लिए कठोरतम सजा का संदेश दिया है।’