Kanker Naxal News: छतीसगढ़ के इस जिले में नक्सलियों के पैरों तले खिसकी ज़मीन, सरकार और सुरक्षा बलों ने पलट दी तस्वीर

छतीसगढ़ के इस जिले में नक्सलियों के पैरों तले खिसकी ज़मीन...Kanker Naxal News: In this district of Chhattisgarh, the ground slipped under

  • Reported By: Amit Choubey

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  • Publish Date - May 24, 2025 / 04:51 PM IST,
    Updated On - May 24, 2025 / 04:57 PM IST

Kanker Naxal News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • कांकेर में नक्सलियों का दायरा सिमटा,
  • सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई से हासिल हुई सफलता,
  • डेढ़ साल में 45 ढेर, 18 ने किया आत्मसमर्पण,

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कांकेर: Kanker Naxal News:  जिले में नक्सलियों का दायरा अब काफी सिमट चुका है। जहां 2013 के पहले तक जिला मुख्यालय के आसपास लाल आतंक का भय फैलाने वाले नक्सली खुलेआम बैनर-पोस्टर लगाकर हड़कंप मचाते थे वहीं अब सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई और रणनीतिक प्रयासों के कारण उनका आतंक काफी हद तक खत्म हो चुका है। आज कांकेर के कोयलिबेडा से महाराष्ट्र तक रात के समय भी सुरक्षित सफर किया जा सकता है जो कि सुरक्षा बलों और सरकार की लगातार मेहनत का नतीजा है।

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Kanker Naxal News:  इस सफलता के पीछे केंद्र और राज्य सरकार के सतत प्रयास हैं जिनमें नक्सली प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कैंप की स्थापना, स्थानीय ग्रामीणों से सामंजस्य बनाना और सड़क तथा कनेक्टिविटी के बेहतर विकास शामिल हैं। इन प्रयासों ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की राह आसान कर दी है और नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर किया है।

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Kanker Naxal News:  केंद्रीय गृह मंत्री की 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने की डेडलाइन के तहत कांकेर से अभियान की शुरुआत हुई। पिछले डेढ़ साल में यहां 45 नक्सलियों के एनकाउंटर हुए हैं जिनमें से 27 बड़े कैडर के नक्सली भी शामिल हैं। इसके अलावा 18 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। कांकेर क्षेत्र में हड़कोर नक्सली प्रभाकर और उसकी पत्नी जैसी कुख्यात नक्सली भी गिरफ्तार की जा चुकी हैं।

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Kanker Naxal News:  सुरक्षा बलों की इन कार्रवाइयों से नक्सली अब पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। साथ ही पखांजूर से महाराष्ट्र तक सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है जिससे ग्रामीणों की यात्रा दूरी में करीब 100 किलोमीटर की कटौती हुई है। यह सड़क परियोजना ग्रामीणों के जीवन को सरल और बेहतर बनाने में मददगार साबित हो रही है। सरकार की योजनाएं जैसे राव घाट परियोजना भी तेजी से प्रगति पर हैं साथ ही रेलवे लाइन का विस्तार भी किया गया है जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और बेहतर हो रही है। कांकेर पुलिस अधीक्षक भी मानते हैं कि नक्सलियों को काफी नुकसान पहुंचाया गया है और अभियान इसी प्रकार जारी रहेगा।

कांकेर जिले में नक्सलियों की स्थिति अब कैसी है?

कांकेर जिले में नक्सलियों का प्रभाव काफी हद तक कम हो गया है। पहले जहाँ वे खुलेआम बैनर-पोस्टर लगाते थे, अब वे बैकफुट पर हैं। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और विकास कार्यों ने उनकी पकड़ कमजोर की है।

नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार ने क्या प्रमुख कदम उठाए हैं?

सरकार ने इन क्षेत्रों में सुरक्षा कैंपों की स्थापना, ग्रामीणों से सामंजस्य, सड़कों और कनेक्टिविटी का विकास, और योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन जैसे ठोस कदम उठाए हैं।

पिछले डेढ़ साल में नक्सलियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है?

पिछले 18 महीनों में 45 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें से 27 बड़े कैडर के थे। साथ ही 18 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। कई कुख्यात नक्सली गिरफ्तार भी किए गए हैं।

इन कार्रवाइयों से आम लोगों को क्या फायदा हुआ है?

सुरक्षा में सुधार, 100 किलोमीटर तक यात्रा दूरी में कमी, रोजगार और कनेक्टिविटी में वृद्धि, तथा ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार जैसे ठोस लाभ मिले हैं।

क्या नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो गया है?

हालांकि नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन काफी हद तक नियंत्रित हो चुका है। अभियान जारी है और 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य तय किया गया है।