Reported By: SuryaPrakash Chandrawanshi
,Kawardha News/Image source: IBC24
कबीरधाम: Kawardha News: जिले में जनमन योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। तरेगांव और कुकदुर परियोजना क्षेत्र में चल रही यह भर्ती प्रक्रिया अब भ्रष्टाचार का गढ़ बनती जा रही है, जहाँ चयन के नाम पर खुलेआम पैसों की मांग की जा रही है।
Read More : 8 महीने तक नहीं आया बिजली बिल… फिर एक झटके में आया इतने हजार! अब गले में मीटर डालकर पहुंचे कलेक्टर ऑफिस
Kawardha News: तरेगांव परियोजना के अंतर्गत मुड़घुसरी मैदान के बंजरिहा गाँव में एक आदिवासी युवती, गीता मेरावी ने आरोप लगाया है कि परियोजना अधिकारी ने कार्यकर्ता पद पर चयन के बदले 1 लाख रुपये की मांग की। गीता ने किसी तरह 50 हजार रुपये का भुगतान किया और शेष राशि नियुक्ति के बाद देने का वादा किया। इसके बाद उसका चयन हुआ और नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिया गया। लेकिन जब वह बाकी की रकम देने में असमर्थ रही, तो उसकी नियुक्ति रद्द कर दी गई और दूसरी अभ्यर्थी को पद दे दिया गया। पीड़िता ने अब दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
इस मामले में एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हो रही है, जिसमें कथित रूप से परियोजना अधिकारी और उसका सहयोगी अभ्यर्थियों से रुपए मांगते सुनाई दे रहे हैं। हालाँकि IBC24 इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। जैसे ही यह मामला सामने आया कलेक्टर ने गंभीरता दिखाते हुए जांच टीम गठित कर दी है।इसी तरह, कुकदुर परियोजना क्षेत्र में भी कार्यकर्ता और सहायिका पद की भर्ती के नाम पर एक से डेढ़ लाख रुपये तक की रिश्वत माँगे जाने की शिकायतें मिली हैं।
Read More : पिता ने बेटे को काट डाला! इस चीज से तंग आकर खौफनाक वारदात को दिया अंजाम, पुलिस भी नजारा देख रह गई दंग
आरोप है कि एक महिला जनपद सदस्य का पति, जो पेशे से शिक्षक है, वह विभिन्न गाँवों में जाकर अभ्यर्थियों से पैसों की वसूली कर रहा है। पैसा नहीं देने पर चयन रद्द करने की धमकियाँ भी दी जा रही हैं।मामला तूल पकड़ने पर जनपद पंचायत पंडरिया की सामान्य सभा में इस भर्ती घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बैठक में जिला स्तर पर उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में कितनी निष्पक्षता और तेजी से कार्रवाई करता है, ताकि गरीब व आदिवासी वर्ग के साथ न्याय हो सके और भ्रष्टाचार पर लगाम लगे।