President's adopted son longing for basic facilities
President’s adopted son longing for basic facilities: कवर्धा। गर्मी शुरू होते ही कबीरधाम जिला के वनांचल क्षेत्र में पेयजल की संकट शुरू हो गई है। यही कारण है कि इलाके के लोग सूखे नदी नालों में झिरिया बनाकर अपना प्यास बुझाने को मजबूर हो रहे हैं, वहीं जैसे जैसे गर्मी बढ़ेगी झिरिया सूखते जाएगी जिससे पेयजल की समस्या विकराल होते जाएगी।
कबीरधाम जिला भौगोलिक लिहाज से दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक तरफ मैदानी तो दूसरी तरफ मैकल पर्वत श्रेणी में बसाहट है। यहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा समुदाय के लोग निवास करते हैं। एक तरफ जहां शासन हो या प्रशासन शासकीय योजनाओं का लाभ इन बैगा आदिवासियों तक पहुंचाने का दावा करती है, लेकिन दूसरी ओर बैगा समुदाय के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं और शासन प्रशासन की दावा सिर्फ कागजों में दिखाई देती है।
जिले के पंडरिया ब्लॉक सुदूर वनांचल क्षेत्र के अमनिया, टेढ़ापानी,ड़ेंगूरजाम, कांदावानी जैसे दर्जनों गांव में पेयजल के लिए सिर्फ झिरिया पर आश्रित हैं, जो कोसों दूर पैदल चलकर नदी-नालों के झिरिया से अपना प्यास बुझाते हैं। वहीं जिले के कलेक्टर का कहना है कि जहां जहां पेयजल की संकट है, उस गांव को चिन्हांकित कर पेयजल के लिए विशेष योजना बनाया जा रहा है ताकि गर्मी में पेयजल संकट से न हों। गर्मी में प्रत्येक साल इस तरह के हालात बनते है और प्रत्येक साल प्रशासन विशेष योजना बनाकर कार्य करने की बात करती है लेकिन वनांचल में पेयजल की संकट दूर नही हो पाती। अब देखना होगा कि प्रशासन का दावा में कितनी सच्चाई है।
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