Reported By: SuryaPrakash Chandrawanshi
,Social Boycott in Kawardha/Image Credit: IBC24
Social Boycott in Kawardha: कवर्धा। 21वीं सदी में भी छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में पुरानी रुड़ीवादी और तुगलकी फरमान थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोहारा ब्लॉक अंतर्गत सिंघनगढ गांव के सरपंच और गांव के कुछ दबंगों पर आरोप है कि गांव के भगवानी साहू समेत 07 परिवार के 50 सदस्यों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। इतना ही नहीं बकायदा गांव में बैठक आहुत कर मुनादी कराई गई है कि इन परिवारों से बातचीत या लेन-देन करने पर एक हजार रुपये अर्थदंड का फरमान जारी किया गया है, जिससे परिवार सख्ते में आ गये है। सभी बहिष्कृत परिवार के मुखिया एसपी कार्यालय पहुंच लिखित शिकायत दी और न्याय की गुहार लगाई है। एएसपी ने पीड़ितों को जल्द निराकरण का आश्वासन दिया है।
पीड़ित परिवार ने की थी शिकायत
पीड़ित भगवानी साहू ने बताया कि, गांव में आयुर्वेद अस्पताल में फार्मासिस्ट विद्यासिंह धुर्वे के द्वारा राजनीति किया जाता है इसके अलावा ताश जुआ खेला जाता है, जिसके कारण गांव का माहौल खराब हो रहा है। इस बात की शिकायत बहिष्कृत परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा विधायक को ज्ञापन सौंप कर हटाने की मांग की गई थी, जिससे नाराज होकर सरपंच ने गांव में बैठक बुलाई और गांव वालों के साथ मिलकर शिकायत करने वाले 07 परिवार भगवानी साहू,घांसीराम निषाद, संतोष गुप्ता,पवन साहू, हुलास साहू, हेमकुमार साहू,और शत्रुघ्न साहू को गांव से सामाजिक बहिष्कार किया गया है।
बातचीत या लेन-देन करने पर लगेगा हजार अर्थदंड
बैठक के बाद गांव में मुनादी कर इन लोगों से बातचीत करने या लेन-देन करने पर 1 हजार करने अर्थदंड लगाया गया है। सरपंच के इस फरमान से परिवार के लोग बहुत परेशान और असहज महसूस कर रहे हैं। बच्चों को दुकान में समान लेने जाने पर भगा दिया जाता है। इस बात से आहत होकर एसपी कार्यालय में शिकायत कर न्याय की मांग की है। वहीं, एएसपी ने गांव के सरपंच और अन्य लोगों को बुलाकर समाझाया जाएगा और जल्द ही निराकरण निकालने का आश्वासन दिया है।