रायपुरः SarkarOnIBC24 आबकारी घोटाला केस में ED की कस्टडी में बंद कवासी लखमा पर दिनों-दिन शिकंजा कसता जा रहा है, मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, जिस पर केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि लखमा शराब घोटाले में इसलिए फंसे क्योंकि वो आदिवासी हैं और उन्हें किसी और ने नहीं, उनकी ही पार्टी ने जाल में फंसाया है। आरोप संगीन है, लेकिन सवाल ये कि क्या कांग्रेस के पास इस आरोप का माकूल जवाब है?
SarkarOnIBC24 शुक्रवार को सुकमा कांग्रेस भवन, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे की सम्पत्ति अटैच करने पर सियासी गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का नया सिलिसिला शुरू हो गया। प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता और कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने, इस सवाल पर कि क्या लखमा को फंसाया जा रहा है, कहा कि ED जो कुछ कर रही है, प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ही कर रही है। कांग्रेस बैचेन है क्योंकि, प्रदेश लूटने वालों पर एक्शन हो रहा है। इसके अलावा केदार कश्यप ने उल्टे कांग्रेस पर आरोप लगाया कि, आदिवासी होने के चलते ही लखमा को पार्टी ने मोहरा बनाया। आरोप पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा आदिवासियों को कौन छल रहा है, ये पूरा समाज और प्रदेश देख रहा है…भगत ने मंत्री को नसीहत देते हुए कहा किस कहीं भाजपा केदार कश्यप का उपयोग तो नहीं कर रही है।
दरअसल, शुक्रवार को 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाला केस में, सुकमा के राजीव भवन समेत, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी की कुल 6 करोड़ 15 लाख 75 हजार रुपए की अचल संपत्ति ED ने अटैच की गई। कल हुए ED एक्शन के खिलाफ शनिवार कांग्रेस ने मोर्चा खोला, प्रदेश भर में प्रदर्शन करते हुए ED और भाजपा का पुतला फूंका। बीजेपी ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक सत्ता में आते ही पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटाले के आरोपों पर जांच शुरू कर दी। शराब घोटाले केस में ED के एक्शन पर जवाब देते हुए, मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस पर आरोप लगाकर आदिवासी कार्ड खेला है। सवाल है कि क्या वाकई कवासी लखमा को फंसाया गया है, अगर हां तो किसने बीजेपी ने या कांग्रेस ने?