CG News: छत्तीसगढ़ के इन कर्मचारियों के मानदेय में होगी 50% की वृद्धि? इन मांगों को लेकर मैदान पर डटे

honorarium increase 50% employees of Chhattisgarh: अंशकालिक से पूर्णकालिक रूप से कार्यरत रसोइयों को कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जाए और तीसरी मांग अनुसार बिना कारण या प्रक्रिया के रसोइयों को कार्य से बाहर करना बंद किया जाए।

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  • Publish Date - July 29, 2025 / 08:48 PM IST,
    Updated On - July 29, 2025 / 08:55 PM IST

छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोईया संयुक्त संघ का आंदोलन, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • वादा अनुसार शीघ्र दी जाए 50% मानदेय वृद्धि 
  • कलेक्टर दर पर मानदेय की भी मांग
  • रसोइयों को कार्य से बाहर करना बंद किया जाए

कोण्डागांव: CG News जिला मुख्यालय कोण्डागांव के डीएनके मैदान में छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोईया संयुक्त संघ का तीन दिवसीय धरना आंदोलन आज भी जारी रहा। तेज बारिश के बावजूद कोण्डागांव, केशकाल, माकड़ी, फरसगांव और बड़ेराजपुर ब्लॉक से बड़ी संख्या में रसोइयां अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। प्रदर्शन 28 जुलाई से प्रारंभ होकर 30 जुलाई तक चलेगा। आज धरना स्थल पर जिला कांग्रेस कमेटी समर्थन देने पहुंचे।

छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोईयों का तीन दिवसीय धरने का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष सगराम मरकाम, जिला सचिव शंभूलाल मरकाम, जिला कोषाध्यक्ष कुमार सिंह मरकाम, संरक्षक दयालु भारद्वाज सहित संघ के अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि, रसोइयां वर्षों से न्यूनतम मानदेय पर कार्य कर रहे हैं, जबकि उनसे अब पूर्णकालिक कार्य लिया जा रहा है।

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वादा अनुसार शीघ्र दी जाए 50% मानदेय वृद्धि

Demand for increase in honorarium, इसी आधार पर रसोइया संघ की प्रमुख मांगें हैं कि, चुनावी घोषणा पत्र के वादा अनुसार उन्हें 50% मानदेय वृद्धि शीघ्र दी जाए। अंशकालिक से पूर्णकालिक रूप से कार्यरत रसोइयों को कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जाए और तीसरी मांग अनुसार बिना कारण या प्रक्रिया के रसोइयों को कार्य से बाहर करना बंद किया जाए।

धरना स्थल पर आज जिला कांग्रेस अध्यक्ष बुधराम नेताम समेत अन्य कांग्रेस पदाधिकारी भी पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि कोण्डागांव जिले में लगभग 3000 से अधिक रसोइया स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना को संचालित करने में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1995 से सेवा में लगे रसोइयों से पहले केवल तीन घंटे का कार्य लिया जाता था, लेकिन वर्तमान में उनसे पूरे दिन की ड्यूटी ली जाती है, फिर भी उन्हें उतना ही नाममात्र मानदेय दिया जा रहा है।

कलेक्टर दर पर मानदेय की भी मांग

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उन्होंने मांग की कि यदि कलेक्टर दर पर मानदेय संभव नहीं है तो कम से कम इतना तो दिया जाए जिससे रसोइया अपने परिवार का पालन-पोषण और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई ठीक से कर सकें। जिला व ब्लॉक स्तर के सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में प्रशासन को चेताया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को अनिश्चितकालीन हड़ताल में परिवर्तित किया जाएगा।

 

रसोइयों का यह आंदोलन क्यों हो रहा है?

उत्तर: छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोइया संयुक्त संघ अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है— मानदेय में 50% वृद्धि अंशकालिक से पूर्णकालिक कार्यरत रसोइयों को कलेक्टर दर पर भुगतान बिना कारण रसोइयों को कार्य से हटाना बंद किया जाए।

रसोइयों की वर्तमान स्थिति और वेतन क्या है?

उत्तर: वर्तमान में रसोइयों को बहुत ही कम मानदेय दिया जा रहा है, जबकि उनसे पूर्णकालिक कार्य लिया जा रहा है। पहले उन्हें केवल तीन घंटे की सेवा देनी होती थी, अब पूरे दिन की ड्यूटी ली जाती है, लेकिन वेतन में कोई समुचित वृद्धि नहीं हुई है।

आंदोलन कब और कहाँ चल रहा है?

उत्तर: यह आंदोलन 28 जुलाई से 30 जुलाई तक जिला मुख्यालय कोण्डागांव के डीएनके मैदान में चल रहा है। इसमें कोण्डागांव, केशकाल, माकड़ी, फरसगांव और बड़ेराजपुर ब्लॉकों के सैकड़ों रसोइये भाग ले रहे हैं।

सरकार या किसी राजनीतिक दल की प्रतिक्रिया क्या रही है?

उत्तर: जिला कांग्रेस अध्यक्ष बुधराम नेताम और अन्य कांग्रेस पदाधिकारी धरना स्थल पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने रसोइयों की मांगों को वाजिब बताया और सरकार से जल्द समाधान की मांग की है।

यदि मांगें पूरी नहीं होतीं तो आगे क्या कदम उठाए जाएंगे?

उत्तर: संघ पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल दिया जाएगा। इससे स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना प्रभावित हो सकती है।