CG News: नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की नई रेखा, कोठागुडेम–किरंदुल रेललाइन सर्वे को मिली रफ्तार, लिडार तकनीक से हो रहा सर्वे

नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की नई रेखा, कोठागुडेम–किरंदुल रेललाइन सर्वे को मिली रफ्तार, Kothagudem-Kirandul railway line survey in Naxal-affected areas gains momentum

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  • Publish Date - June 26, 2025 / 11:42 PM IST,
    Updated On - June 26, 2025 / 11:59 PM IST

CG News. Image Source-IBC24

HIGHLIGHTS
  • 160 किमी रेललाइन कोठागुडेम से किरंदुल तक प्रस्तावित है।
  • 138 किमी बस्तर में, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर को जोड़ेगी।
  • हाईटेक तकनीक से अंतिम चरण में सर्वे जारी।

रायपुर: CG News: देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक – बस्तर अंचल – में विकास की गाड़ी अब तेजी पकड़ रही है। कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल (छत्तीसगढ़) तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) कार्य को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे अब अंतिम चरण में है।इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जो अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। यह परियोजना न केवल आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।

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CG News: रेलवे द्वारा अत्याधुनिक लिडार तकनीक के माध्यम से सर्वे कार्य किया जा रहा है। यह रेललाइन परियोजना गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से मॉनिटर की जा रही है, और इसे आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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भारतीय रेल विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया गया है, जिनके निर्देशों और समन्वय से यह सर्वे कार्य पुनः गति पकड़ सका। यह रेलमार्ग भविष्य में बस्तर अंचल के लिए सुरक्षा, समावेशन और समृद्धि का प्रतीक बनने जा रहा है।

कोठागुडेम–किरंदुल रेललाइन कितनी लंबी है?

यह रेललाइन कुल 160.33 किमी लंबी है, जिसमें 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ में आता है।

यह रेलमार्ग किन जिलों से होकर गुजरेगा?

यह मुख्यतः सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों से होकर गुजरेगा।

इस परियोजना का उद्देश्य क्या है?

रेल कनेक्टिविटी बढ़ाना, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास लाना और आंतरिक सुरक्षा मजबूत करना।

सर्वे में कौन-सी तकनीक का उपयोग हो रहा है?

लिडार (LiDAR) तकनीक – जो लेज़र आधारित हाई-रिजॉल्यूशन मैपिंग करती है।

यह परियोजना कब तक पूरी होगी?

फिलहाल सर्वे अंतिम चरण में है। निर्माण की समय-सीमा रेलवे और गृह मंत्रालय द्वारा जल्द तय की जाएगी।