Lormi Girl Kidnapping. Image Source-IBC24 Archive
नई दिल्लीः Lormi Girl Kidnapping: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी में बीतें दिनों हुए 7 साल के मासूम के अपहरण के मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। 5 दिनों के बाद भी पुलिस को आरोपी के संबंध में कोई सुराग हाथ नहीं लगी है। अब जांच के लिए बिलासपुर रेंज के आईजी डॉ. संजीव शुक्ल पहुंचे लोरमी पहुंचे हैं। लोरमी थाना में वे पुलिस अफसरों की हाईलेवल मीटिंग ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में बच्ची के खोजबीन के लिए बन रही नए सिरे से रणनीति बन रही है।
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Lormi Girl Kidnapping: बता दें कि लोरमी थाना क्षेत्र के कोसाबाड़ी गांव में 7 साल की बच्ची का शुक्रवार रात अपहरण हो गया था। वह अपनी मां के साथ घर के आंगन में सो रही थी, तभी किसी ने बच्ची का अपहरण कर लिया। बच्ची की मां पुष्पा गोस्वामी की रात 2 बजे नींद खुली तब बच्ची गायब थी। मां ने रात में ही परिजनों को बताया। सभी मिलकर आस पड़ोस और गांव में खोजे, लेकिन कहीं नहीं मिली।
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लोरमी अपहरण केस में अब तक क्या प्रगति हुई है?
"लोरमी अपहरण केस की जांच" में पुलिस को अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। आईजी स्तर के अधिकारी अब केस की निगरानी कर रहे हैं।
बच्ची का अपहरण कब और कहां से हुआ?
"लोरमी में 7 साल की बच्ची का अपहरण" शुक्रवार रात को कोसाबाड़ी गांव से हुआ, जब वह अपनी मां के साथ आंगन में सो रही थी।
क्या अपहरणकर्ता की कोई पहचान हो पाई है?
अब तक "लोरमी अपहरणकर्ता की पहचान" नहीं हो सकी है। पुलिस लगातार पूछताछ और तकनीकी जांच में लगी हुई है।
मामले में आईजी डॉ. संजीव शुक्ल की भूमिका क्या है?
"लोरमी अपहरण आईजी संजीव शुक्ल" के निरीक्षण के बाद जांच में तेजी लाई जा रही है और एक नई रणनीति तैयार की जा रही है।
क्या लोरमी में इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं?
हाल के वर्षों में "लोरमी में बच्चों का अपहरण" का यह मामला काफी संवेदनशील माना जा रहा है, हालांकि पहले इस तरह की घटनाएं कम हुई हैं। पुलिस इसे गंभीरता से ले रही है।