रायपुर : छत्तीसगढ़ में साल 2018 में पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने भूपेश बघेल को प्रदेश की कमान सौंपी। प्रदेश के कमान संभालते ही सीएम भूपेश बघेल ने कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं से प्रदेश भर की जनता को कई तरह के लाभ मिले। इसके साथ सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भी संवारने का कार्य लगातार किया है। संस्कृति के साथ ही सीएम भूपेश बघेल ने युवाओं का भी खासा ध्यान रखा। सीएम भूपेश बघेल ने युवाओं के लिए भी कई अलग-अलग योजनाओं की शुरुआत की है। इन योजनाओं से युवाओं को भी फायदा मिला है। इसके साथ सी सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा कदम उठाते हुए CGPSC और व्यापम की होने वाली भर्ती परीक्षा में लगने वाली फ़ीस को माफ़ करने का ऐलान भी किया था। सीएम भूपेश बघेल के इस कदम से युअवों के चेहरे खिल उठे। CGPSC और व्यापम की तैयारी करने वाले युवा बार-बार सीएम भूपेश बघेल को धन्यवाद दे रहे हैं।
बता दें कि, बीते साल के बजट में सीएम भूपेश बघेल ने युअवों को बड़ी सौगात देते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं में शुल्क माफ करने का ऐलान किया था। बजट भाषण के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय युवा को CGPSC और व्यापम की होने वाली भर्ती परीक्षा में अब परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा।
सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए CGPSC स्टेट सर्विस एग्जाम की टॉपर रुचि शार्दुल ने इसे बेहद अच्छा फैसला बताया। रुचि ने बताया कि स्टूडेंट एग्जाम देते वक्त अपने स्ट्रगलिंग पीरियड में होते हैं। उन्हें पैसों के लिए भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि वो ग्रेजुएट हो चुके होते हैं इसके बाद परीक्षा में शामिल होते हैं तो ऐसे में अपने स्वाभिमान का भाव भी दिलों में होता है। मिडिल क्लास स्टूडेंट के बीच एग्जाम फीस को लेकर पैसे परिजनों से मांगने में झिझक होती है, यह सरकार का सराहनीय कदम है।
दरअसल व्यापम और सीजी पीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं की तैयारी के लिए गांव गांव से छात्र शहरों में रहकर पढ़ाई करते है। तैयारियों में छात्रों को कोचिंग के अलावा रहने-खाने का खर्च भी उठाना पड़ता है। इससे छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार ने राज्य के स्थानीय युवाओं को प्रतियोगिता परीक्षा में शुल्क माफ करने का निर्णय लिया गया है। व्यापम और सीजी पीएससी के परीक्षाओं में 200 रुपए से लेकर 500 रुपए तक फीस देनी पड़ती है। जो अब नहीं देनी होगी।