बजट सत्र @13 दिन… विपक्ष मांगे मोर! बजट सत्र की अवधि पर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप!

politics in chhattisgarh on the duration of budget session

बजट सत्र @13 दिन… विपक्ष मांगे मोर! बजट सत्र की अवधि पर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप!
Modified Date: November 29, 2022 / 08:27 pm IST
Published Date: February 4, 2022 11:23 pm IST

रायपुरः duration of budget session आगामी 7 मार्च से छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। लेकिन उससे पहले ही आरोप-प्रत्यारोप की सियासत शुरू हो गई है। मुद्दा बना है बजट सत्र की अवधि। दरअसल इस बार के बजट सत्र में कुल 13 बैठके होंगी। जिसे लेकर बीजेपी आरोप लगा रही है कि भूपेश सरकार ने जनहित के मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए सत्र को छोटा रखा है। जबकि सत्ता पक्ष का दावा है कि सत्र की अवधि पर्याप्त है। अब सवाल ये है कि क्या 13 दिन का बजट सत्र इतना छोटा है कि इस दौरान मुद्दों पर चर्चा नहीं की जा सकती या विपक्ष सिर्फ कोरी सियासत कर रहा है?

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duration of budget session छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च से शुरू होगा..लेकिन सत्र को लेकर सियासी हंगामा अभी से शुरू हो गया है। इस बार के बजट सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। छोटे सत्र को लेकर बीजेपी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि बजट सत्र की अवधि बहुत छोटी है। जिसके कारण जनहित के मुद्दों पर व्यापक चर्चा नहीं की जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया कि चर्चा से हम नहीं बल्कि बीजेपी भागती है।

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सत्र की अवधि पर बीजेपी भले सवाल उठा रही है लेकिन 15 साल की बीजेपी सरकार में भी शीतकालीन, मानसून और बजट सत्र की अवधि घटाई गई थी। इससे पहले 2020-21 का बजट कोरोना के कारण बिना चर्चा यानी गिलोटिन से पास कराया गया था.. हालांकि 2021-22 के बजट पर चर्चा तो हुई थी। लेकिन बीजेपी विधायकों के बार-बार वाकआउट करने के कारण महज 12 दिनों में ही सत्रावसान हो गया था। इस बार के बजट सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। विपक्ष इसे नाकाफी बताते हुए इसकी अवधि बढ़ाने की मांग कर रहा है। हालांकि सत्ता पक्ष का दावा है कि बजट सत्र की अवधि पर्याप्त है और विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा।

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जाहिर है छत्तीसगढ़ का पिछला बजट सत्र भी कोरोना और विपक्ष के बार-बार वाकआउट करने के कारण तय समय से पहले खत्म हो गया था लेकिन बीजेपी इस बार आर पार की लड़ाई के मूड में है। वो बजट के छोटे सत्र को लेकर कांग्रेस सरकार पर चर्चा से बचने का आरोप लगा रही है। दूसरी ओर सत्ता पक्ष भी विपक्ष के हर मुद्दों पर जवाब देने की तैयारी में है। दोनों पक्षों की तैयारियों को देखकर लगता है कि 13 दिनों का बजट सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है।

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।