Politics is hot on Chhattisgarhism

सियासत का ‘छत्तीसगढ़िया’वाद.. क्यों उठा नया विवाद? आखिर कौन है छत्तीसगढ़ का सच्चा हितैषी?

Politics is hot on Chhattisgarhism

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : August 3, 2022/11:28 pm IST

(रिपोर्टः राजेश मिश्रा) रायपुरः प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे लेकर सत्तासीन कांग्रेस ने सरकार और संगठन के दोनों स्तर पर जमीन पर उतर किलेबंदी शुरू कर दी है तो बीजेपी भी लगातार सरकार की घेरांबंदी और जीत का फॉर्मूला तलाशने में जुटी है। दोनों दल अपने-अपने लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इसी बीच प्रदेश में एक बार फिर छत्तीसगढियावाद पर सियासत गर्म है। बीजेपी और कांग्रेस खुद को सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया जनता की हितैषी और सामने वाले को दुश्मन साबित करने की कोशिश कर रही है।

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इन दिनों प्रदेश में छ्त्तीसगढ़ मॉडल के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी अस्मिता और उसका सच्चा हितैषी कौन इसे लेकर बहस छिड़ी है। सत्तारुढ़ कांग्रेस और 15 साल सत्ता में रहने के बाद विपक्ष में बैठी बीजेपी अपने आप को छत्तीसगढ़िया हितेषी पार्टी साबित करने में जुटी है। साथ ही दोनों दल एक दूसरे पर छत्तीसगढ़ी माटी की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। लड़ाई की शुरुआत विधानसभा के मानसून सत्र में उस समय हुई जब बीजेपी एक वरिष्ठ विधायक ने विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी देने के ऐलान पर भूपेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर छत्तीसगढ़ियों को हीनता से देखने का आरोप लगाया है।

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मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने भी मोर्चा खोल दिया है। नेता प्रतिपक्ष समेत कई विधायकों ने दावा किया कि हम भी छत्तीसगढ़िया है हमको बताने और प्रचार करने की सबूत देने की जरूरत नहीं। बीजेपी ने राज्यसभा और राष्ट्रपति चुनाव का उदाहरण देकर राज्य सरकार पर कटाक्ष भी किया।

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विपक्ष चाहे लाख आरोप लगाएं। लेकिन इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि 2018 में प्रचंड जीत के साथ सरकार बनाने के बाद पिछले साढ़े तीन सालों में कांग्रेस छत्तीसगढ़िया वाद के मुद्दे पर बीजेपी पर 20 साबित हुई है। इसकी बानगी नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव और 4 उपचुनावों में कांग्रेस की जीत है। जाहिर है इस टेस्टेड मुद्दे को लेकर ही कांग्रेस अगले साल चुनाव मैदान में उतरे। जिससे बचाव के लिए भाजपा अभी से जवाबी मोड में आ गई है। लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर छत्तीसगढ़ का सच्चा हितैषी कौन है और सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया जनता किसके दावे पर भरोसा करती है?