CG Politics/ Image Credit: IBC24
रायपुर: CG Politics: एक के बाद एक सभी स्तर पर कांग्रेस ने चुनावी बैटल हारी हैं। हर बार चुनाव पद्धति, EVM और प्रशासन के दुरूपयोग के आरोप लगाए हैं। अब पंचायत चुनाव के रिजल्ट आने के बाद जनपद और जिला पंचायतों में कब्जे की होड़ लग गई है। कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप है कि कांग्रेस समर्थित जीते कैंडिडेट्स पर बीजेपी सत्ता के रसूख का इस्तेमाल कर दबाव डाल रही है। धमकी-चमकी के साथ लग्जरी गाड़ियों के ऑफर्स मिल रहे हैं। ऑफर किसे मिल रहे हैं उनके नाम नहीं बताए जा रहे हैं। बीजेपी कहती है कांग्रेस EVM-बैलेट हर पद्धति में हारी है, पिछड़ी है, फिर भी सुधार लाना नहीं चाहत। बिना समीक्षा अनर्गल आरोप लगा रही है, सवाल ये कांग्रेस के आरोपों में कितनी सच्चाई है।
CG Politics: हाल ही निपटे नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद कांग्रेस या बीजेपी किसके समर्थित लोगों का दबदबा रहा। दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे किए। निकाय चुनाव में EVM को कोसने वाली कांग्रेस ने अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपना आंकड़ा बड़ा दिखाने के लिए भाजपा पर सत्ता का दुरुपयोग कर कांग्रेस समर्थित विजयी प्रत्याशियों को डराने-धमकाने, लालच देने के आरोप लगाए। कांग्रेस का आरोप है कि कांग्रेस समर्थित जीते जिला पंचायत सदस्यों और जनपद सदस्यों को धमकाया-चमकाया जा रहा है। उन्हें पैसों और लग्जरी गाड़ियों का लालच दिया जा रहा है। कांग्रेस का है, रायपुर, कोरबा, बिलासपुर, गरियाबंद समेत कई जिलों में जीते उम्मीदारों ने उन्हें ऑफर्स दिए जाने की शिकायत की। हालांकि, बार-बार पूछे जाने पर भी कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशी का नाम उजागर नहीं किया। PCC चीफ दीपक बैज का आरोप है कि हमारे लोगों को कैश के साथ-साथ, फॉर्च्यूनर-इनोवा देने का ऑफर मिला है।
इधर, कांग्रेस के आरोप पर जवाब दिया, डिप्टी CM अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस अनर्गल आरोप लगाने के बजाय आत्मावलोकन करे। कांग्रेस के हालात देख प्रत्याशी खुद भाजपा में आना चाहते हैं। बीजेपी को ऐसे प्रयासों की जरूरत नहीं।
CG Politics: चुनाव के पहले या बाद में पाला बदलना नया नहीं है, ये भी सही है कि अपने वादे पूरे करने के लिए अक्सर उम्मीदवार सत्तासीन दल का साथ चाहते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के आरोप भी नए नहीं हैं। साल 2020 में मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद, कांग्रेस ने हर विधायक को करोड़ों रुपये, गाड़ी और मंत्री पद का ऑफर दिए जाने का आरोप लगाया था। हालांकि आरोपों को लेकर कोई सुबूत आज तक सामने नहीं आए हैं, सवाल ये है..क्या अब इस बार ऑफर के आरोपों के कोई नाम और सुबूत सामने आएंगे। क्या कांग्रेस ने हार के कारणों पर वाकई कोई समीक्षा कर ठोस कारण या जिम्मेदारी तय की है ?