Chhattisgarh News : प्रदेश का पहला डिजिटल पंचायत जिला बना रायगढ़, अब पंचायतों में ऐसे हो रही है टैक्स वसूली

प्रदेश का पहला डिजिटल पंचायत जिला बना रायगढ़, Raigarh became the first digital panchayat district of the state

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Modified Date: May 12, 2025 / 11:55 PM IST
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Published Date: May 12, 2025 11:14 pm IST

रायपुर: Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला एक नई मिसाल बनकर सामने आया है। यह प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां ग्राम पंचायतों में टैक्स और शुल्क का भुगतान अब डिजिटल माध्यम यानी यूपीआई के ज़रिए किया जा रहा है। प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसे भुगतान अब ग्रामीण अपने मोबाइल फोन से आसानी से कर रहे हैं। रायगढ़ जिले ने डिजिटल भुगतान प्रणाली को गांवों तक पहुंचाकर ग्रामीण शासन व्यवस्था को नई दिशा दी है। जिले की सभी 549 ग्राम पंचायतों में यूपीआई आधारित टैक्स वसूली की व्यवस्था लागू कर दी गई है। पंचायत भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर यूपीआई क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे ग्रामीणजन घर बैठे ही अपने टैक्स भर पा रहे हैं।

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Chhattisgarh News : इस प्रणाली ने न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा दिया, बल्कि इससे पंचायतों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। तत्कालीन कलेक्टर गोयल ने 12 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री अवॉर्ड की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने इस नवाचार मॉडल की विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि यूपीआई प्रणाली से टैक्स कलेक्शन में बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 117 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कई पंचायतों में टैक्स वसूली दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।पहले जहां ग्रामीणों को मैनुअल भुगतान में कठिनाई होती थी, वहीं अब वे मोबाइल से सरलता से भुगतान कर पा रहे हैं।

रायगढ़ जिले के 07 में से 05 ब्लॉक आदिवासी बहुल हैं और यहां भी यह डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू कर दी गई है। खास बात यह है कि 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों ने भी यूपीआई से टैक्स भुगतान शुरू कर दिया है, जो डिजिटल समावेशन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यूपीआई प्रणाली लागू होने के बाद ग्राम सभाओं में लोगों की भागीदारी भी बढ़ी है। तीन पंचायतों में किए गए विश्लेषण से पता चला है कि ग्राम सभाओं में लोगों की उपस्थिति में 57 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। इससे साफ है कि ग्रामीण अब पंचायत व्यवस्था में अधिक रुचि ले रहे हैं।महिला स्व-सहायता समूहों, बीसी सखियों द्वारा किए गए लेन-देन में भी लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2022-23 में जहां 3969.30 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 4236.50 लाख और वर्ष 2025 में फरवरी माह के अंत तक 4650.80 लाख रुपये तक पहुंच गया।

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इस पहल से ग्राम पंचायतों में खाता रखरखाव, ऑडिट प्रक्रिया और नकद बहीखाता मिलान में भी काफी सुविधा हो गई है। हर लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड मौजूद होने से वित्तीय प्रणाली ज्यादा पारदर्शी और सुचारू हो गयी है। रायगढ़ जिले की यह पहल अब पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी है। डिजिटल इंडिया की सोच को सफलता पूर्वक अमल में लाते हुए रायगढ़ जिला आज डिजिटल पंचायत शासन का प्रतीक बन गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेन्द्र यादव ने कहा कि वित्त मंत्री ओ पी चौधरी व तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में जिले की पंचायतों में डिजिटल पेमेंट कलेक्शन की व्यापक स्तर पर शुरुआत की गई। लोगों को जागरूक किया गया। पंचायतों के अकाउंट को यूपीआई से लिंक कर क्यूआर कोड के माध्यम से टैक्स कलेक्ट किया जा रहा है। अभी कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में जिले के शत प्रतिशत पंचायतों में डिजिटल टैक्स कलेक्शन के लिए काम किया जा रहा है।

रायगढ़ में किस तरह का टैक्स अब डिजिटल तरीके से लिया जा रहा है?

रायगढ़ जिले की ग्राम पंचायतों में प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसे टैक्स अब UPI के ज़रिए लिए जा रहे हैं।

क्या सभी पंचायतों में यह व्यवस्था लागू हो गई है?

हाँ, रायगढ़ जिले की सभी 549 ग्राम पंचायतों में यह यूपीआई आधारित टैक्स वसूली प्रणाली लागू की जा चुकी है।

क्या आदिवासी क्षेत्र भी इस व्यवस्था से जुड़े हैं?

हाँ, जिले के 5 आदिवासी बहुल ब्लॉक और 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों ने भी इस डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाया है।

इससे पंचायतों को क्या फायदा हुआ?

इस प्रणाली से टैक्स वसूली में 117% की वृद्धि, ग्राम सभा में भागीदारी में बढ़ोतरी, और लेन-देन की पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है।

क्या यह मॉडल अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है?

बिलकुल, रायगढ़ का यह मॉडल अब पूरे छत्तीसगढ़ में रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है और अन्य जिलों में इसके प्रभावी क्रियान्वयन की योजना बनाई जा रही है।