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Chhattisgarh News: रायपुर: छत्तीसगढ़ की मशहूर जंगल सफारी रायपुर की बाघिन “बिजली” गंभीर रूप से बीमार है और उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। किडनी में गंभीर समस्या के चलते अब राज्य सरकार और वन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। बाघिन को अब बेहतर इलाज के लिए गुजरात के जामनगर स्थित अंबानी फाउंडेशन द्वारा संचालित वाइल्डलाइफ हॉस्पिटल में भेजा जा रहा है। इसके लिए भारतीय रेलवे में स्पेशल कोच लगाने की तैयारी की गई है।
Chhattisgarh News: यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहला मौका है जब किसी बीमार वन्यजीव — वह भी राष्ट्रीय धरोहर मानी जाने वाली बाघिन — को इतनी त्वरित और उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। बिजली को विशेष व्यवस्था के तहत आज ट्रेन में रवाना किया जाएगा। रेलवे की ओर से एक विशेष कोच तैयार किया गया है, जिसे जंगल सफारी से रेलवे स्टेशन तक विशेष सुरक्षा के साथ लाया जाएगा। इस दौरान वन विभाग, रेलवे और स्थानीय प्रशासन की टीमें पूरी सतर्कता के साथ मौजूद रहेंगी।
बाघिन बिजली की हालत को देखते हुए वन विभाग ने केंद्र सरकार से विशेष रेल कोच की अनुमति मांगी थी। सिर्फ 24 घंटे के भीतर केंद्र से अनुमति मिल गई, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसके साथ ही रेलवे और वन विभाग की टीम ने मिलकर एक ऐसा स्पेशल कोच तैयार किया है, जिसमें बाघिन को सुरक्षित, आरामदायक और बिना किसी तनाव के जामनगर पहुंचाया जा सके।
Chhattisgarh News: पिछले एक सप्ताह से देशभर के अनुभवी पशु चिकित्सकों की टीम जंगल सफारी में ही कैंप कर रही थी। बाघिन को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही थी। लेकिन किडनी की बिगड़ती स्थिति, शरीर में कमजोरी और खान-पान बंद होने जैसी दिक्कतों के चलते अब उसे अत्याधुनिक उपचार की आवश्यकता है।
वन विभाग ने अंबानी फाउंडेशन के वाइल्डलाइफ हॉस्पिटल से संपर्क कर पूरे इलाज की रूपरेखा तैयार कर ली है। जामनगर पहुंचने के बाद बाघिन की गहन जांच कर उसे ICU जैसी सुविधाओं में भर्ती किया जाएगा। इस अस्पताल में देशभर के वन्यजीवों का इलाज किया जाता है और यह बाघों के लिए खासतौर पर जाना जाता है।