Amit Shah Controversial Statement: ‘अंग्रेजी बोलने पर शर्म’ वाले बयान पर घिर रहे गृहमंत्री अमित शाह!.. सिंहदेव ने कहा, ‘पैदा किया जा रहा है हिचकिचाहट और नफरत’..

बकौल अमित शाह, “मैं इस बात से भलीभांति परिचित हूं कि यह लड़ाई कितनी कठिन है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय समाज इसमें विजय प्राप्त करेगा। एक बार फिर, स्वाभिमान के साथ, हम अपनी भाषा में अपना देश चलाएंगे और दुनिया का नेतृत्व भी करेंगे।”

Edited By :  
Modified Date: June 20, 2025 / 03:06 PM IST
,
Published Date: June 20, 2025 3:06 pm IST
Amit Shah Controversial Statement: ‘अंग्रेजी बोलने पर शर्म’ वाले बयान पर घिर रहे गृहमंत्री अमित शाह!.. सिंहदेव ने कहा, ‘पैदा किया जा रहा है हिचकिचाहट और नफरत’..
HIGHLIGHTS
  • अमित शाह का अंग्रेजी बोलने पर शर्म का विवादित बयान।
  • टीएस सिंहदेव ने अंग्रेजी विरोधी नफरत फैलाने की निंदा की।
  • भाषा हमारी पहचान, अंग्रेजी भी अवसर और सम्मान का माध्यम।

Amit Shah’s controversial statement on English Language: रायपुर: अंग्रेजी भाषा और अंग्रेजी बोलने वालों के बारे में केंद्रीय गृहमंत्री ने कल एक बड़ा बयान दिया था। हालांकि अपने इस बयान पर गृहमंत्री घिरते हुए नजर आ रहे है। उनपर भाषा के खिलाफ नफ़रत फैलाने के आरोप लगे रहे है। कांग्रेस ने उनके बयान को मुद्दा बनाते हुए कई हमले किये है। छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव ने भी इस मामले में अपनी तीखी प्रतिक्रया दी है।

Read More: Petrol-Diesel Today Price: पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी.. महंगाई से जूझ रहे जनता को लगा बड़ा झटका, जानें क्या है नई दरें

क्या कहा सिंहदेव ने?

सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर टीएस सिंहदेव ने लिखा, “अंग्रेजी के खिलाफ आपके दिलों में हिचकिचाहट और नफरत पैदा की जा रही है, क्योंकि उनके दिलों में डर है! डर ये है कि कहीं आप अंग्रेजी पढ़ने, लिखने, बोलने लगें तो अपना हक़ मांग लेंगे – रोज़गार, महंगाई का अंत, सस्ती शिक्षा, सम्मान और सबसे ज़रूरी समाज में बराबरी का स्थान।”

पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे लिखा, “भाषा कभी भी शर्म नहीं, हमेशा गर्व का माध्यम होती है – चाहे आपकी क्षेत्रीय भाषा हो, मातृभाषा हो या कोई अंतर्राष्ट्रीय भाषा। मातृभाषा से प्यार है, मगर अंग्रेजी भी हथियार है, जो गरीबी, बेरोज़गारी, असमानता और अन्याय की बेड़ियां काट सकता है।”

क्या कहा था केंद्रीय मंत्री शाह ने?

Amit Shah’s controversial statement on English Language: दरअसल गुरुवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोलते हुए गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देशी भाषाएं भारत की पहचान का केंद्र हैं और उन्हें विदेशी भाषाओं पर वरीयता मिलनी चाहिए। भाषा विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा खोलते हुए कहा कि देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आएगी।

अमित शाह ने कहा था कि, “इस देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आएगी। ऐसे समाज का निर्माण अब दूर नहीं है। मेरा मानना ​​है कि हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति के रत्न हैं। अपनी भाषाओं के बिना हम सच्चे भारतीय नहीं रह सकते।” उन्होंने आगे कहा था, “हमारे देश, हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास और हमारे धर्म को समझने के लिए कोई भी विदेशी भाषा पर्याप्त नहीं हो सकती। सम्पूर्ण भारत की कल्पना आधी-अधूरी विदेशी भाषाओं के माध्यम से नहीं की जा सकती।”

Read Also: Dry fruits and Indian sweets Expensive: भारत में महंगे हुए ड्राइफ्रूट्स!.. ईरान-इजरायल जंग का असर, मिठाइयों के दाम छू सकते हैं आसमान

बकौल अमित शाह, “मैं इस बात से भलीभांति परिचित हूं कि यह लड़ाई कितनी कठिन है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय समाज इसमें विजय प्राप्त करेगा। एक बार फिर, स्वाभिमान के साथ, हम अपनी भाषा में अपना देश चलाएंगे और दुनिया का नेतृत्व भी करेंगे।”

1. सवाल: अमित शाह ने अंग्रेजी भाषा को लेकर क्या विवादित बयान दिया है?

जवाब: अमित शाह ने एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि "इस देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आएगी" और यह भी कि भारतीय भाषाओं को विदेशी भाषाओं पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस बयान को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

2. सवाल: टीएस सिंहदेव ने अमित शाह के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?

जवाब: टीएस सिंहदेव ने सोशल मीडिया पर कहा कि अंग्रेजी के खिलाफ हिचकिचाहट और नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है, ताकि लोग शिक्षा और बराबरी के अधिकार की मांग न कर सकें। उन्होंने अंग्रेजी को एक ‘हथियार’ बताया जो गरीबी और अन्याय से लड़ने में मदद कर सकता है।

3. सवाल: क्या यह विवाद भाषा की आज़ादी से जुड़ा मुद्दा है?

जवाब: हां, यह विवाद इस बात पर आधारित है कि क्या किसी भाषा के प्रति शर्म महसूस कराना उचित है। यह भाषा की स्वतंत्रता, शिक्षा के माध्यम और सामाजिक समानता से जुड़ा एक बड़ा सामाजिक मुद्दा बन गया है।