Amit Shah's controversial statement on English Language || Image- The Wire file
Amit Shah’s controversial statement on English Language: रायपुर: अंग्रेजी भाषा और अंग्रेजी बोलने वालों के बारे में केंद्रीय गृहमंत्री ने कल एक बड़ा बयान दिया था। हालांकि अपने इस बयान पर गृहमंत्री घिरते हुए नजर आ रहे है। उनपर भाषा के खिलाफ नफ़रत फैलाने के आरोप लगे रहे है। कांग्रेस ने उनके बयान को मुद्दा बनाते हुए कई हमले किये है। छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव ने भी इस मामले में अपनी तीखी प्रतिक्रया दी है।
सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर टीएस सिंहदेव ने लिखा, “अंग्रेजी के खिलाफ आपके दिलों में हिचकिचाहट और नफरत पैदा की जा रही है, क्योंकि उनके दिलों में डर है! डर ये है कि कहीं आप अंग्रेजी पढ़ने, लिखने, बोलने लगें तो अपना हक़ मांग लेंगे – रोज़गार, महंगाई का अंत, सस्ती शिक्षा, सम्मान और सबसे ज़रूरी समाज में बराबरी का स्थान।”
पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे लिखा, “भाषा कभी भी शर्म नहीं, हमेशा गर्व का माध्यम होती है – चाहे आपकी क्षेत्रीय भाषा हो, मातृभाषा हो या कोई अंतर्राष्ट्रीय भाषा। मातृभाषा से प्यार है, मगर अंग्रेजी भी हथियार है, जो गरीबी, बेरोज़गारी, असमानता और अन्याय की बेड़ियां काट सकता है।”
अंग्रेजी के खिलाफ आपके दिलों में हिचकिचाहट और नफरत पैदा की जा रही है, क्योंकि उनके दिलों में डर है!
डर ये है कि कहीं आप अंग्रेजी पढ़ने, लिखने, बोलने लगें तो अपना हक़ मांग लेंगे – रोज़गार, महंगाई का अंत, सस्ती शिक्षा, सम्मान और सबसे ज़रूरी समाज में बराबरी का स्थान।
भाषा कभी भी… pic.twitter.com/bFYcCAiieh
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) June 20, 2025
Amit Shah’s controversial statement on English Language: दरअसल गुरुवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोलते हुए गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देशी भाषाएं भारत की पहचान का केंद्र हैं और उन्हें विदेशी भाषाओं पर वरीयता मिलनी चाहिए। भाषा विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा खोलते हुए कहा कि देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आएगी।
अमित शाह ने कहा था कि, “इस देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आएगी। ऐसे समाज का निर्माण अब दूर नहीं है। मेरा मानना है कि हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति के रत्न हैं। अपनी भाषाओं के बिना हम सच्चे भारतीय नहीं रह सकते।” उन्होंने आगे कहा था, “हमारे देश, हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास और हमारे धर्म को समझने के लिए कोई भी विदेशी भाषा पर्याप्त नहीं हो सकती। सम्पूर्ण भारत की कल्पना आधी-अधूरी विदेशी भाषाओं के माध्यम से नहीं की जा सकती।”
बकौल अमित शाह, “मैं इस बात से भलीभांति परिचित हूं कि यह लड़ाई कितनी कठिन है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय समाज इसमें विजय प्राप्त करेगा। एक बार फिर, स्वाभिमान के साथ, हम अपनी भाषा में अपना देश चलाएंगे और दुनिया का नेतृत्व भी करेंगे।”
‘भारत में जो इंग्लिश बोलते हैं, उन्हें जल्द ही शर्म महसूस होगी’, गृहमंत्री @AmitShah का बयान#AmitShah #English pic.twitter.com/KlI4fE1Ndn
— ASD News (@MediaAsd) June 19, 2025